फर्जी कागजात पर रेलवे में नौकरी लेने पहुंचे दो युवक पकड़े गए
फर्जी कागजात बनाकर नौकरी के नाम पर ठगी करने का मामला उजागर हुआ है।
जागरण संवाददाता, जामताड़ा। फर्जी कागजात बनाकर भोले-भाले नौजवान युवाओं को नौकरी के नाम पर ठगी करने का एक मामला शनिवार को चित्तरंजन रेलनगरी में उजागर हुआ। गिरोह के बूते दो युवक चिरेका (चित्तरंजन रेल कारखाना) के कस्तूरबा गांधी अस्पताल में अपनी मेडिकल जांच कराने आए थे, ताकि उन्हें रेलवे में टीसी पद पर नौकरी मिल सके।
अस्पताल प्रंबधन की सूचना पर दिल्ली के पालम इलाके का निवासी बाल किशन के 19 वर्षीय पुत्र आरोपी करण मल्लाह व दिल्ली के करतार नगर, गाढ़ी मंडू इलाके का निवासी चंदन शेखर का 25 वर्षीय पुत्र राहुल को आरपीएफ ने हिरासत में ले लिया।
दोनों युवकों के कागजात की जांच की गई तो दोनों के पास से फर्जी मेडिकल परीक्षा का कॉल लेटर एवं करियर एडमिशन काउंस¨लग के निदेशक का विजिटिंग कार्ड बरामद हुआ। आरपीएफ टाउनपोस्ट प्रभारी एके गौड़ ने बताया कि शनिवार को कस्तूरबा गांधी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के चेंबर में दोनों युवक मेडिकल जांच के लिए पहुंचे थे। दोनों के पास से चिरेका के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी कार्यालय की ओर से जारी कॉल लेटर था।
फर्जी कॉल लेटर पाए जाने के बाद मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने आरपीएफ को इसकी सूचना दी। तब आरपीएफ ने पहुंच कर दोनों को हिरासत में लेकर जांच की और दोनों के पास से उक्त फर्जी कागजात बरामद किए। पूछताछ के दौरान पता चला कि दिल्ली के पीतमपुरा इलाके में स्थित करियर एडमिशन काउंस¨लग ऑफिस से टिकट कलेक्टर पद पर नियुक्ति पत्र निर्गत किया गया था। इसी कागजात के आधार पर दोनों यहां मेडिकल जांच के लिए पहुंचे थे।
गौड़ ने बताया कि दोनों युवकों से करियर एडमिशन काउंसलिंग के निदेशक उज्ज्वल सिंह ने सरकारी नौकरी दिलाने के लिए 17 अक्टूबर को आवेदन पत्र भरवाया था और 18 तारीख को टीसी पद पर नौकरी के लिए मेडिकल जांच का कॉल लेटर दिया। बदले में दोनों से 50-50 हजार रुपये भी लिए गए थे। आरपीएफ ने दोनों युवकों को चित्तरंजन पुलिस को सौंप दिया है। चित्तरंजन थाना प्रभारी राजकुमार मालाकार ने बताया कि मुख्य आरोपी उज्ज्वल सिंह के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।