कृषि कार्य में काम आने वाले तालाब बनेंगे उपयोगी
जामताड़ा : कृषि विभाग के माध्यम से अब सिंचाई व्यवस्था के रूप में इस्तेमाल होने वाले तालाबों के जीर्ण
जामताड़ा : कृषि विभाग के माध्यम से अब सिंचाई व्यवस्था के रूप में इस्तेमाल होने वाले तालाबों के जीर्णोद्धार की पहल शुरू की जा रही है।
कृषि मंत्री के निर्देश पर विभाग ने प्रयास चालू कर दिया है। जिसके तहत बड़े सरकारी तालाब के माध्यम से खेती कर किसान साल भर अपना खेत हरा भरा रख सकते हैं उन्हें इस योजना में शामिल करने की मंशा है। विभाग ऐसे तालाबों को चिह्नित कर पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामीण किसान के सहयोग से व्यवस्थित करनी की पहल कर रहा है। इसके लिए ग्रामीणों के साथ बैठक कर उसकी उपयोगिता व प्राक्कलन तैयार कर भेजने का निर्देश दिया गया है।
कई उपयोगी तालाब : जिले में दर्जनों की संख्या में ऐसे तालाब हैं जो पचास बीघा से ज्यादा क्षेत्र में फैले हुए हैं। इनमें करीब वर्ष भर पानी भी रहता है पर उस पानी से खेती संभव नहीं है। पोसोई का सरकारी तालाब करीब एक हजार हेक्टेयर खेत को पानी उपलब्ध कराता है पर दशकों से जीर्णोद्धार नहीं होने से इसकी गहराई कम हो गई है फलत: किसान इस पानी के सहारे खेती नहीं कर सकते हैं। जिला मुख्यालय के दस किमी क्षेत्र में ही एक दर्जन के करीब बड़े सरकारी तालाब हैं जिनका जीर्णोद्धार हो जाए तो सैकड़ों किसानों की बेकारी दूर हो सकती है।
वर्जन : मंत्री के निर्देश पर पहल शुरू की गयी है। पहले उन तालाबों को शामिल किया जाएगा, जिनके माध्यम से किसान लाभान्वित हो रहे हैं। प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा तालाब को उपयोगी बनाया जा सके।
सबन गुड़िया
जिला कृषि पदाधिकारी
जामताड़ा