बच्चों को पोषित करने में पिछड़ा स्वास्थ्य विभाग
संवाद सहयोगी, जामताड़ा : जहां क्षेत्र के कुपोषित बच्चों को पोषण युक्त बनाने के लिए सरकार करोड़ों रुपये
संवाद सहयोगी, जामताड़ा : जहां क्षेत्र के कुपोषित बच्चों को पोषण युक्त बनाने के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं प्रचार प्रसार व विभागीय उपेक्षा के कारण शत प्रतिशत कुपोषित बच्चों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
मालूम हो कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नाला, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नारायणपुर व सदर अस्पताल जामताड़ा में कुपोषण केंद्र का संचालित कर रहा है। सदर अस्पताल जामताड़ा में 10, नारायणपुर में 10 व नाला में 20 शय्या वाले कुपोषण उपचार केंद्र संचालित है। विभाग द्वारा इस योजना के तहत वर्ष14 - 15 में जिले के 658 कुपोषित बच्चों का उपचार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लेकिन चालू वित्तीय वर्ष के दस माह बाद भी विभाग ने लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 340 कुपोषित बच्चों का ही उपचार करने में सफल हो सकी है। ऐसे में चालू वित्तीय वर्ष के शेष दो माह में 318 कुपोषित बच्चों का उपचार करना किसी चुनौती से कम नहीं है। विभागीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 14 - 15 में जामताड़ा को 120, नाला को 384 व नारायणपुर को 154 कुपोषित बच्चों को उपचार करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। लक्ष्य के अनुपात में दिसंबर माह तक जामताड़ा में 65, नाला में 185 व नारायणपुर में 90 कुपोषित बच्चों का उपचार किया गया। जो लक्ष्य के अनुपात में पीछे है।
वर्जन :
कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र द्वारा चिह्नित किया जाता है। साथ ही आंगनबाड़ी कर्मियों व एएनएम को कुपोषण उपचार केंद्र तक पहुंचाने की जिम्मेदारी बनती है लेकिन उक्त कर्मियों से पूर्ण सहयोग नहीं मिल पा रहा है। इसके बाद भी संबंधित क्षेत्र के एएनएम व सहिया को कुपोषण बच्चों को केंद्र तक लाने व प्रचार प्रसार की गति तेज करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही कुपोषण उपचार केंद्र प्रभारी को भी आवश्यक निर्देश दिया गया है कि किसी भी हाल में केंद्र का बेड खाली नहीं रहे, इसके लिए जो आवश्यक पहल है, उसे करें।
- डॉ. बीके साहा, सिविल सर्जन, जामताड़ा