पांच वर्ष बाद भी नहीं बना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
संस, कुंडहित : प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 2010 में उत्क्रमित कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया। लेकिन क्षेत्र के लोगों को आज भी सुविधा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का ही मिल रहा है। लोग आते तो हैं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने लेकिन यहा आकर लोगों को कुछ अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है। लोगों को 30 शय्या के जगह मात्र छह शय्यावाले अस्पताल में शरण लेना पड़ रहा है।
क्या है भवन की स्थिति : वर्ष 2008-09 में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा नाला एवं कुंडहित प्राथमिक अस्पताल को उत्क्रमित कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा दिया गया। जहा निर्माण कार्य भी समय पर शुरू किया गया और नाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समय पर पूर्ण भी हो गया तथा लोगों का इसका लाभ भी मिल रहा है। लेकिन कुंडहित में पाच साल बाद भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। पांच साल में भवन का आधा कार्य भी पूर्ण नहीं हो सका है। भवन को पूर्ण करने के लिए स्थानीय जनता के साथ विभागीय अधिकारी द्वारा भी कई बार उपायुक्त सहित मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को जानकारी दिया गया लेकिन सकारात्मक पहल होना शेष है।
क्या कहते है ग्रामीण : कुंडहित वार्ड सदस्य निमाई सेन ने कहा प्राथमिक से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा मिलने के बाद भी अभी तक कोई लाभ नहीं मिला है। मरीज अस्पताल तक जाने में डरते हैं। स्वास्थ्य सेवा के नाम पर न चिकित्सक हैं न उचित दवा ही मिलती है। मधुसुदन मंडल ने कहा कि एक तो गरीब आदिवासी दलित बहुल क्षेत्र होने के नाते भी सरकार का ध्यान इस दिशा में नहीं है। रासमुनी हेम्ब्रम ने कहा एक तो पहले से गरीबी है उस पर से चिकित्सक के चक्कर में कर्जदार होना पड़ता है। कुंडहित सामुदायिक केंद्र में न तो सही इलाज होता है और न ही सही दवा मिलती है। कल्पना मंडल ने बताया कि लोगों को उचित स्वास्थ्य सेवा नहीं मिलने से बंगाल के सिउड़ी, आसनसोल, वर्द्धमान, दुबराजपुर, दुर्गापुर, नाकड़ाकोंदा आदि शहर का खाक छानना पड़ता है।
क्या कहते हैं अधिकारी : प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अमित कुमार ने कहा प्रति माह जिला स्तरीय बैठक में सिविल सर्जन को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन पूर्ण कराने का आग्रह किया जाता है लेकिन आज तक कार्य पूर्ण नहीं हो सका है।