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Lok Sabha Polls 2019 : सोनारी एयरपोर्ट से उड़ान नहीं भर पाई उड़ान योजना

Lok Sabha Polls 2019. जमशेदपुर के सोनारी एयरपोर्ट से पिछले दो साल के दौरान उड़ान नहीं भर पाई। लोकसभा चुनाव में यह एक बड़ा मुद्दा भी बन सकता है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 20 Mar 2019 04:21 PM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2019 04:21 PM (IST)
Lok Sabha Polls 2019 : सोनारी एयरपोर्ट से उड़ान नहीं भर पाई उड़ान योजना
Lok Sabha Polls 2019 : सोनारी एयरपोर्ट से उड़ान नहीं भर पाई उड़ान योजना

जमशेदपुर [निर्मल प्रसाद] । सरकार की घोषणा के बावजूद केंद्र की उड़ान योजना जमशेदपुर के सोनारी एयरपोर्ट से पिछले दो साल के दौरान उड़ान नहीं भर पाई। यह योजना कब जमीन पर उतरेगी, इसका जवाब भी किसी के पास नहीं है। लोकसभा चुनाव में यह एक बड़ा मुद्दा भी बन सकता है। इसे लेकर हर वर्ग के मतदाताओं के बीच नाराजगी है। क्योंकि यह शहर लंबे समय से हवाई सेवा की मांग करते आ रहा है।

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केंद्र सरकार ने 21 अक्टूबर 2016 को उड़ान योजना लांच की थी, जो एक अप्रैल 2017 से देश में प्रभावी हुई। इस योजना का उद्देश्य देश के छोटे शहरों को रीजनल एयर कनेक्टिविटी योजना के तहत देश के बड़े शहरों से जोड़ना था। दूसरा, देशवासियों को सस्ती दर पर हवाई सेवा उपलब्ध कराना था। इसी के तहत सोनारी एयरपोर्ट से इस योजना को लांच करने की रणनीति बनी। नागरिक उड्डयन राजमंत्री जयंत सिन्हा विभागीय सचिव को लेकर कई बार जमशेदपुर आए। सोनारी एयरपोर्ट का दौरा किया। घोषणाएं की, लेकिन हर बार दी गई तारीख फेल हो गई। कभी सोनारी एयरपोर्ट का रनवे छोटा होने का रोना रोया गया, तो कभी उड़ान सेवा शुरू करने वाली कंपनी एयर डेक्कन के पास 19 सीटर विमान नहीं होने की बात कही गई। अंतत: समय बीत गया और शहर के लोगों को हवाई सेवा का लाभ नहीं मिला। शहर के कारोबारियों का आरोप है कि इस योजना के प्रति केंद्र और राज्य सरकार किसी स्तर पर गंभीर ही नहीं थी। यदि गंभीर होती तो मंत्री द्वारा दी गई तारीखें फेल नहीं होतीं। अब यह योजना ठंडे बस्ते में है।

धालभूम एयरपोर्ट के लिए करना होगा इंतजार

सोनारी एयरपोर्ट।

झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पिछले दिनों धालभूमगढ़ एयरपोर्ट को पुनर्जीवित करने के लिए नारियल फोड़ा था। लेकिन एयरपोर्ट का निर्माण समय पर हुआ भी तो शहरवासियों को इसका लाभ पाने के लिए दिसंबर 2020 तक इंतजार करना होगा। वैसे भी जमशेदपुर से धालभूमगढ़ सड़क मार्ग की दूरी लगभग 70 किलोमीटर है। टाटा-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-33) की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में जमशेदपुर से हवाई सेवा जमशेदपुर के लोगों के लिए सपना बनकर रह गया है।

ये कहते एक्सपर्ट

साजिश के तहत नहीं दी जा रही अनुमति

सुरक्षा के नाम पर एक साजिश के तहत सोनारी एयरपोर्ट से विमान शुरू नहीं होने दिया जा रहा है। जबकि एयर इंडिया के पास कई ऐसे छोटे और आधुनिक विमान हैं जो छोटे रनवे पर आसानी से उतर सकते हैं। एयरपोर्ट नहीं होने के कारण पूरे क्षेत्र का औद्योगिक विकास अवरूद्ध है। 2005 में एमडीएलआर एयरलाइंस की 74 सीट का विमान सोनारी एयरपोर्ट पर ही उतरता था। कोलकाता, जमशेदपुर, रांची और दिल्ली की सेवा छह माह तक चला। लेकिन साजिश के तहत उसे भी बंद करा दिया गया। नेपाल में काठमांडू छोड़कर सभी छोटे शहरों में हवाई सेवा प्रभावी है जबकि उनका रनवे सोनारी एयरपोर्ट छोटा है। थाइलैंड के कोमुहोई का एयरपोर्ट सोनारी का रनवे जितना बड़ा है जबकि वहां बोइंग जैसे बड़े विमान उतरते हैं। किसी भी क्षेत्र का विकास आवागमन की सुविधाओं के आधार पर होता है। कोलकाता ट्रेड सेंटर इसलिए बना क्योंकि सड़क, हवाई मार्ग और जलमार्ग से जुड़ा हुआ है। लेकिन जमशेदपुर इंडस्ट्रीयल हब होने के बावजूद सप्लायर और खरीदार यहां नहीं आना चाहते क्योंकि सरकार के नियम बड़े कॉरपोट घरानों के अनुसार बदलते हैं।

-आलोक चौधरी, अध्यक्ष, जमशेदपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स

बहानेबाजी के सिवा कोई कारण नहीं 

धालभूमगढ़ एयरपोर्ट जब शुरू होगा, तब होगा। तब तक सोनारी एयरपोर्ट से 20-24 सीटर का प्लेन तो उड़ ही सकता था। यहां से 48 सीटर प्लेन कई दिनों तक जमशेदपुर से कोलकाता की उड़ान भर चुका है, तो आज क्या हो गया। दरअसल, कंपनी नहीं चाहती है कि यहां से आम लोगों के लिए हवाई सेवा शुरू हो। इसलिए तरह-तरह की छोटी-छोटी बातों को बहाना बनाकर उड़ान शुरू नहीं करने दिया जा रहा है। और कोई बात नहीं है।

-कैप्टन दीप श्रीवास्तव, टाटा स्टील के पूर्व पायलट

चार साल में नहीं लगी एक भी कंपनी

एयरपोर्ट नहीं होने के कारण आज तक एक भी कंपनी पिछले चार वर्षो में नहीं लग पाई। कोई भी निवेशक कोलकाता या रांची से उतरकर सड़क मार्ग से जमशेदपुर नहीं आना चाहता। इसलिए जमशेदपुर का बाजार पूरी तरह से बंध गया है।

-सुरेश सोंथालिया, राष्ट्रीय सचिव, कैट

निवेशक आना नहीं चाहते

सोनारी एयरपोर्ट शुरू होने से जमशेदपुर में कई इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज खुल जाते। एयर कनेक्टिविटी नहीं होने से कई बड़े और प्रख्यात विशेषज्ञ यहां नहीं आना चाहते। साथ ही बाहर के निवेशक भी यहां नहीं आना चाह रहे।

-संदीप मुरारका, उद्यमी

एयरपोर्ट की कमी से क्षेत्र  उदासीन

कोल्हान झारखंड का इंडस्ट्रीयल हब है, लेकिन एयरपोर्ट के अभाव में निवेशक हो या अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी, कोई जमशेदपुर आना नहीं चाहता। पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं है, लेकिन एयरपोर्ट की कमी के कारण यह क्षेत्र भी पूरी तरह से उदासीन है।

-भरत वसानी, उपाध्यक्ष सिंहभूम चैंबर


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