पहली बार मार्च 2013 में जमशेदपुर आये थे सायरस
जमशेदपुर : सायरस मिस्त्री ने टाटा समूह की कमान 28 दिसंबर 2012 को संभाली थी। चेयरमैन बनने के
जमशेदपुर : सायरस मिस्त्री ने टाटा समूह की कमान 28 दिसंबर 2012 को संभाली थी। चेयरमैन बनने के बाद से सायरस मिस्त्री टाटा परिवार की ओर से बसाए गए जमशेदपुर में छह बार आये। सायरस सबसे पहले तीन मार्च 2013 को संस्थापक दिवस के मौके पर शहर पहुंचे थे। चेयरमैन बनने के बाद यह पहला मौका था जब मिस्त्री किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इसके बाद तीन मार्च 2014, तीन मार्च 2015 व तीन मार्च 2016 को वह संस्थापक दिवस समारोह में शिरकत करने जमशेदपुर आए। तीन मार्च 2016 को उन्होंने संस्थापक दिवस समारोह में शिरकत करने के क्रम में टाटा वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों से भी मुलाकात की थी। यहां उन्होंने जमशेदपुर प्लांट की उत्पादन क्षमता 15 एमटी तक करने का भरोसा यूनियन नेतृत्व को दिलाया था। इसके अलावा टाटा स्टील के संवाद कार्यक्रम में भी वह शिरकत करने इस बार जमशेदपुर आए थे।
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वाट्सएप पर शेयर होती रही खबर
सोमवार शाम पांच बजे के बाद टाटा समूह से सायरस मिस्त्री को हटाने की खबर आने पर टाटा स्टील जमशेदपुर में चर्चा का दौर शुरू हो गया। टाटा समूह के इस बड़े फैसले से हर कोई अचंभित था। सभी अधिकारी व कर्मचारी अपने-अपने सूत्रों से खबर की पुष्टि करने में लगे हुए थे। जिसे जो जानकारी मिल रही थी, वह उसे वाट्सएप ग्रुप पर शेयर कर रहा था। कंपनी के कॉरपोरेट कम्युनिकेशन विभाग ने खबर की पुष्टि करते हुए चर्चाओं पर विराम लगाया।
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अनहिता की मौत पर शोक जताने पहुंचे थे मिस्त्री
टाटा स्टील अधिगृहीत कोरस कंपनी के तत्कालीन निदेशक विमलेंद्र झा की बेटी अनहिता की मौत की खबर मिलने पर टाटा समूह के चेयरमैन सायरस मिस्त्री 19 जनवरी 2013 को अचानक शहर पहुंचे थे। उन्होंने यहां पहुंचकर अनहिता की मौत पर बिमलेंद्र झा के प्रति अपनी शोक संवेदना प्रकट की थी।