बस से ज्यादा निजी सवारी पर चलने लगे कर्मचारी
रोष - कॉलोनी की बसों में 50 फीसद कम हुई कर्मियों की भीड़ - दूर-दराज के कर्मचारी ह
रोष
- कॉलोनी की बसों में 50 फीसद कम हुई कर्मियों की भीड़
- दूर-दराज के कर्मचारी ही कर रहे कंपनी की बसों पर भरोसा
जमशेदपुर : टाटा मोटर्स में बसों की नई व्यवस्था का सीधा असर कर्मचारियों पर दिखने लगा है। प्रबंधन के कड़े रुख के कारण वन वे चल रही बसों से आने जाने वाले कर्मचारियों की संख्या में कमी आई है। अब कर्मचारियों ने निजी वाहन से दफ्तर आना-जाना शुरू कर दिया है। इस वजह से कई रूट की बसों में पहले जैसी भीड़ नहीं दिखती। कुछ रूटों पर तो 50 फीसद से ज्यादा कर्मचारी कंपनी बस की बजाय निजी सवारी से कार्यालय आना-जाना कर रहे हैं।
सोमवार को कॉलोनी की बसों में 50 से 60 फीसद लोग सवार हुए। इनमें ज्यादातर प्रशिक्षु व अस्थायी कर्मचारी शामिल थे। वहीं दूरदराज के क्षेत्रों से चलने वाली बसों में कर्मचारियों की संख्या ज्यादा दिखी। सरजामदा, परसुडीह, आसनबनी, राहरगोड़ा, बारीगोड़ा, बागबेड़ा, मानगो आदि क्षेत्रों से आने वाली बसों पर स्थायी कर्मचारियों की संख्या अधिक रही। कुल मिलाकर सोमवार को 50 से 60 फीसद कर्मचारियों ने बसों का उपयोग किया, वहीं शेष ने अपने-अपने वाहनों से आना-जाना किया।
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विलंब से घर पहुंच रहे कर्मचारी
बी पाली में काम करने वाले टाटा मोटर्स व टीएमएल ड्राइवलाइंस के कर्मचारी अब एक घंटे विलंब से घर पहुंच रहे हैं। वन वे बस चलाने के बाद यह परेशानी उत्पन्न हुई है। बी शिफ्ट में कार्य करने वाले कर्मचारियों की छुट्टी रात साढ़े दस बजे होती है।
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