'ग्रेटर जमशेदपुर' के प्रस्ताव पर 36 गांवों का विरोध
माझी परगना महाल के आसनबनी तोरोप परगना ने 'ग्रेटर जमशेदपुर' के प्र
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : माझी परगना महाल के आसनबनी तोरोप परगना ने 'ग्रेटर जमशेदपुर' के प्रस्ताव का विरोध किया है। गौरतलब हो कि जिला प्रशासन के स्तर पर जमशेदपुर व इससे आसपास के 36 गांवों को ग्रेटर जमशेदपुर में शामिल किए जाने का प्रस्ताव तैयार किए जाने की सुगबुगाहट है। इन गांवों के प्रतिनिधि गुरुवार को आसनबनी तोरोप परगना के बैनर तले इस मामले को लेकर उपायुक्त अमित कुमार से मिले। इस क्रम में उपायुक्त को इस बाबत एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें ग्रेटर जमशेदपुर के प्रस्ताव को आदिवासी पारंपरिक व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बताया गया है। ज्ञापन में प्रतिनिधिमंडल ने आशंका जताई है कि ग्रेटर जमशेदपुर में पंचायत इलाकों व राजस्व गांवों को शामिल किए जाने से आदिवासी-मूलवासियों पर लगान का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जिससे यह वर्ग बर्दाश्त नहीं कर पाएगा। माझी बाबा दुर्गा चरण मुर्मू ने बताया कि जिन इलाकों को ग्रेटर जमशेदपुर में शामिल किए जाने का प्रस्ताव है, वे इलाके संविधान की पांचवी अनुसूचित क्षेत्र में आते हैं। ऐसे में इन इलाकों को ग्रेटर जमशेदपुर में शामिल किया जाना संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करना होगा। प्रतिनिधिमंडल में नुतनडीह ग्राम प्रधान परीखित मुर्मू, तालसा माझी बाबा दुर्गा चरण मुर्मू, दसमत हांसदा मुख्य रूप से शामिल थे।
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इन गांवों को ग्रेटर जमशेदपुर से आपत्ति
- ब्यांगबिल, घाघीडीह, जसकनडीह, कदमडीह, केरुवाडुंगरी, काचा, पुड़ीहासा, तुपुडांग, बेताकोचा, भिलाइपहाड़ी, देवघर, हुरलुंग, एदेलबेड़ा, लुपुंगडीह, मनपिटा, पोखारी, नुतनडीह, पोखारी, सिमलडांगा, तुरियाबेड़ा, बेलाजुड़ी, छोटागोविंदपुर, घोड़ाबांधा, गदड़ा, प्रकाशनगर, बागबेड़ा, हरहरगुंट्टू, कीताडीह, गाड़ाबासा, करनडीह, परसुडीह, सुंदरनगर, सितारामपुर, जिलि†ागोड़ा, कपाली, तामुलिया, डोबो।