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डीएनए जांच भी नहीं पहुंचा सकी हत्यारों तक, जानिए हत्याकांडों की अनसुलझी कहानी

पूर्वी सिंहभूम जिले में दो बहुचर्चित हत्याकांड की गुत्थी लंबे समय बाद भी नहीं सुलझ सकी। हद यह कि नौ लोगों की डीएनए जांच भी कराई गई।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 03:56 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 03:56 PM (IST)
डीएनए जांच भी नहीं पहुंचा सकी हत्यारों तक, जानिए हत्याकांडों की अनसुलझी कहानी
डीएनए जांच भी नहीं पहुंचा सकी हत्यारों तक, जानिए हत्याकांडों की अनसुलझी कहानी

जमशेदपुर, अन्वेष अंबष्ठ। 10 जून 2014 की देर शाम कदमा रामनगर सहारा काम्पलेक्स स्थित घर में महिला झरना मैथी की हत्या की गुत्थी अनसुलझी पहली बनकर रह गई। डीएन जांच भी पुलिस को हत्यारों तक नहीं पहुंचा सकी। तफ्तीश का समय बीतता गया। थक-हारकर कदमा पुलिस ने हत्याकांड की फाइल 2017 में बंद कर दी। आखिर कातिल कौन है? और कत्ल का मकसद क्या गया था? इस तरह के सवाल अतीत बनकर ही रह गए। हत्यारे सलाखों से दूर हैं। जिस फ्लैट में झरना की हत्या हुई थी। उस फ्लैट को पति ने छोड़ दिया।

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आखिर चूक हुई तो कहां हुई 

हत्यारों तक पहुंचने को पुलिस कोई कसर नही छोड़ी। घटना के दिन ही खोजी कुत्ते का सहारा लिया था। रांची से फोरेंसिक विशेषज्ञ की टीम बुलाई गई थी। रक्त के नमूने लिए गए थे। फोटोग्राफी भी कराई गई थी। एफएसएल फोरेंसिक विभाग के निदेशक एसके सिन्हा की टीम ने साक्ष्य एकत्र करने का प्रयास किया था। पोस्टमार्टम विभाग के चिकित्सकों, फोरेंसिक विभाग और पुलिस विभाग की टीम हत्या की परिस्थति और संभावना पर तर्क-कुतर्क किया गया था। अब सवाल यह उठता है कि आखिर चूक हुई तो कहां? ऐसे कौन से तथ्य थे जिन पर पुलिस व फारेंसिक टीम की निगाहों नहीं पड़ीं। जसका फायदा हत्यारों को मिला।

नौ लोगों की कराई गई डीएनए जांच 

हत्यारों तक पहुंचने को झरना के पति समेत कुल नौ लोगों की डीएनए जांच एमजीएम अस्पताल में कराई। इसके तहत नाखून, बाल और खून के नमूने लिए गए। इसका मिलान घटनास्थल और झरना की शरीर से लिए गए नमूने से मिलान किया गया। जांच रिपोर्ट आ गई। डीएनए जांच भी पुलिस को हत्यारों तक नही पहुंचा नही पाई। शहर में पहली बार शायद इतने लोगों की डीएनए जांच हुई थी।

झरना के साथ नहीं हुआ था दुष्कर्म 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच में यह बात स्पष्ट हो गई थी कि उसके साथ दुष्कर्म की घटना नही हुई थी। अब पुलिस के लिए एक ही सवाल सुलझाने बाकी हर गए थे कि आखिर में उसकी हत्या किसने फ्लैट में घुसकर कर दी थी।

क्या हुआ था 10 जून को 

झरना की हत्या गला रेत व गर्दन पर धारदार हथियार से प्रहार कर हत्या की गई थी। उसके दोनों हाथ ओढ़नी से बंधे थे। आशंका व्यक्त की जा रही है कि हत्या करने वालों ने उसके साथ दुष्कर्म भी किया होगा। फ्लैट के बालकनी कम डाइनिंग रूम में महिला का शव जमीन पर पड़ा मिला था। खून बिखरा था। उसका मोबाइल भी स्वीच ऑफ मिला था। पास-पड़ोस व फ्लैट के लोगों को तब जानकारी हुई जब झरना का पति किंशसुख मैथी घटना के दिन शाम जब सात बजे अपने घर पहुंचा था।

25  लोगों से पूछताछ के बाद भी हाथ खाली

पटमदा के कमलपुर थाना के बांगुरदा निवासी हेमंत महतो और उसकी पत्नी की माचा के पोखरियाबेड़ा जंगल में 14 मई 2017 को हत्या कर दी गई थी। इसमें अज्ञात के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 17 माह बीते गए। शक और संभावना पर अब तक तफ्तीश चल ही रही हैं। दोनों के परिजनों और रिश्तेदारों समेत कुल 25 लोगों से पूछताछ की गई। हेमंत की मोबाइल का कॉल डिटेल निकाली गई थी। पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं। डबल मर्डर केस की गुत्थी अब तक अनसुलझी है। हत्या से 53 दिन पहले हेमंत ने अपनी प्रेमिका से मार्च में शादी की थी। हेमंत की पत्‍नी ढाई माह की गर्भवती भी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार दोनों को गला दबाकर मार डाला गया था।

क्यों हुई हत्या हर कोई जानना चाहता 

हर कोई जानना चाहता हैं कि आखिर हत्या क्यों हुई ? किसने की? जांच में क्या मिला? कहां तक पुलिस पहुंची। दोनों गरीब परिवार के हैं ऐसे में हत्या से आखिर किसे फायदा होने वाला था। बांगुड़दा को आदर्श गांव के रूप में जमशेदपुर के भाजपा सांसद विद्युत वरण महतो ने गोद ले रखा है।

ऑनर किलिंग तक रुकी जांच

इस डबल मर्डर के की जांच अधिकारी पटमदा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महेंद्र करमाली कर रहे थे। इंस्पेक्टर के अनुसार अब तक केस अनुसलझी रह गई है। 25 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई। पुलिस की जांच ऑनर किलिंग की संभावना पर जाकर रुक गई।

कटिन जाने को निकले थे दंपती

14 मई 2017 की दोपहर को हेमंत अपनी पत्नी के साथ बांगुरदा आवास से निकला था। कटिन तक दोनों साथ-साथ देखे गए। 15 मई को दोनों के शव माचा के पोखरियाबेड़ा जंगल के पास पाए गए।


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