अक्षय फल प्राप्ति की कामना से किया पूजा-पाठ
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि शनिवार को अक्षय तृतीया क
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि शनिवार को अक्षय तृतीया का पवित्र व पुण्यकारी पर्व मनाया गया। मान्यता है कि इसी दिन त्रेतायुग का प्रारंभ हुआ था। महिलाओं ने इस दिन गौरी व्रत भी किया।
अक्षय तृतीया को स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है। शास्त्रीय मत है कि इस दिन किसी कार्य को प्रारंभ करने या संपादित करने हेतु मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है। इस दिन किए गए पुण्य कर्मो का अक्षय फल प्राप्त प्राप्त होता है। इसी क्रम में लोगों ने अपने-अपने घरों, तीर्थ स्थलों, पवित्र नदियों में स्नान किया और गर्मी के मौसम से संबंधित खाद्य पदार्थ एवं वस्तुएं दान की। जल से भरा घड़ा, गुड़, चीनी, ईख का रस, ककड़ी, तरबूज, सत्तू, अन्न, दूध से बने खाद्य पदार्थ एवं छाता आदि दान करके विशेष पुण्य का लाभ कमाया।
विभिन्न मंदिरों में पूजा-पाठ करने वालों की खासी भीड़ रही। मंदिरों में पूजा-पाठ के बाद लोगों ने गरीबों को प्रसाद व शर्बत सहित अन्य सामग्री दान की। अक्षय तृतीया की शुभ महत्ता के कारण बड़ी संख्या में लोगों ने नए व्यवसाय एवं अन्य कार्यो की शुरुआत भी इस दिन की। इसके अलावा आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की खरीदारी के लिए बाजारों में भीड़ रही। लगभग 75 प्रतिशत लोगों ने अक्षय तृतीया की खरीदारी शुक्रवार को ही कर ली थी। शेष लोगों ने रविवार को खरीदारी की। इसलिए बाजार में खासी चहल-पहल रही। खास कर गहनों की दुकानों में खरीदारों की भीड़ देखी गई। देर शाम तक बाजारों में चहल-पहल रही तो दूसरी ओर मंदिरों में पूजा-अर्चना का दौर चलता रहा।