दीन हुसैन हैं, दीं पनाह हुसैन हैं
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जाकिर नगर इमामबाड़े में शनिवार को पैगंबर-ए-अकरम हजरत मुहम्मद मु
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जाकिर नगर इमामबाड़े में शनिवार को पैगंबर-ए-अकरम हजरत मुहम्मद मुस्तफा स. के नवासे इमाम हुसैन का दसवां मनाया गया। इस मौके पर मजलिस हुई। रात से मुहर्रम का दूसरा अशरा शुरू हुआ। इस अशरे को शिया जामा मस्जिद के पेश इमाम मौलाना मोहम्मद हसन रिजवी खिताब कर रहे हैं। अशरे की आखिरी मजलिस 29 मुहर्रम को होगी।
इस अशरे पर मौलाना मुहम्मद हसन रिजवी दीन और हुसैन विषय पर मजलिस पढेंगे। दसवें की मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना मुहम्मद हसन रिजवी ने कहा कि दीन हुसैन हैं और दीन को पनाह देने वाले भी हुसैन हैं। हम पर मुसीबत आती है तो हम सब दीन की पनाह में जाते हैं। लेकिन, जब दीन पर मुसीबत आई थी तो वह इमाम हुसैन अ. की पनाह में गया था। अजमेर शरीफ के ख्वाजा मुईनउद्दीन चिश्ती र. ने कहा है दीन अस्त हुसैन। यानि हुसैन ही दीन हैं। दीं पनाह अस्त हुसैन। दीन की पनाह हुसैन हैं। मजलिस के बाद नौहा हुआ। नौहा प्रोफेसर आले अली और जीशान ने पढ़ा। इसके पहले मजलिस की शुरुआत खुर्शीद अब्बास ने मनकबत और कता पढ़ कर की।