जनहित : नृत्य के माध्यम से स्कूल से जुड़ रहे स्लम बच्चे
वेंकटेश्वर राव, जमशेदपुर स्लम बच्चों और दैनिक मजदूरों के बच्चों को स्कूलों तक पहुं
वेंकटेश्वर राव, जमशेदपुर
स्लम बच्चों और दैनिक मजदूरों के बच्चों को स्कूलों तक पहुंचाना ही बड़ी बात है। इसमें उनकी रुचि का सबसे पहले ध्यान रखना पड़ता है। बच्चों की रुचि को भांपकर ही बाराद्वारी की महिला अनामिका मजूमदार ने एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार कर दिया कि अब इस क्षेत्र के बच्चे रोजाना स्कूल जाते हैं। इसके लिए अनामिका को कड़ी मेहनत करनी पड़ी। उसने सबसे पहले लक्ष्मीनगर और बर्मामाईस के स्लम व दैनिक मजदूरों के बच्चों की रुचि को भांपकर सामुदायिक भवन में म्यूजिक व आर्ट क्लास खोला। पांच साल पहले मात्र इसमें 30 बच्चे थे, अब इसमें 250 बच्चे नृत्य, नृत्य नाटिकाओं को सीखने आते हैं। इस महिला ने सबसे पहले यहां बच्चों को रोजाना आने के लिए प्रेरित किया। जब उन्हें पता चला कि ये बच्चे स्कूल जाना पसंद नहीं करते हैं, तब उन्हें धीरे-धीरे स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया। अब ये सारे बच्चे प्रतिदिन स्कूल जाते हैं। स्कूल से क्लास खत्म होने के बाद इस महिला के यहां नृत्य सीखने आते हैं। नृत्य और नृत्य नाटिकाओं में अब ये बच्चे परफेक्ट हो गए हैं। यह महिला इन बच्चों में सबसे लोकप्रिय शिक्षक के रूप में उभरी है।
बकौल अनामिका, इसके अलावा देवनगर व छायानगर इलाके के 30 ड्रॉप आउट बच्चों का नामांकन पीपुल्स अकादमी स्कूल में करवा चुकी हैं। अब वे इन स्लम बच्चों के सहारे महिला सशक्तिकरण, कैशलेस अभियान, पर्यावरण जागरूकता, स्वर्णरेखा बचाओं जैसे कई नृत्य नाटिकाओं की प्रस्तुति दे चुके हैं। इसके लिए उन्हें कई तरह का अवार्ड भी मिल चुका है। जमशेदपुर में आयोजित थियेटर फेस्टिवल में इन बच्चों ने गोल्ड मेडल प्राप्त किया था। इसके अलावा ये बच्चे जमशेदपुर कार्निवाल में भी अपनी प्रतिभा का परचम लहरा चुके हैं। अनामिका डेढ़ साल पहले ही फेथ इन इंडिया नामक स्वयंसेवी संस्था का गठन कर चुकी है। अब इससे कई लोगों को जोड़कर शिक्षा सहित विभिन्न महत्वपूर्ण मसलों पर लोगों को जागरूक करना चाहती है। अनामिका को डिजीधन मेला में जिला प्रशासन की ओर से तथा रोटरी क्लब की ओर से सम्मानित किया जा चुका है।
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सीएम ने भी अनामिका की मेहनत को किया सलाम
लक्ष्मीनगर में 11 जनवरी को आयोजित कैशलैस जागरूकता कार्यक्रम में फेथ इन इंडिया के स्लम बच्चों की नृत्य नाटिका प्रस्तुति के मुख्यमंत्री रघुवर दास कायल हो गए। मुख्यमंत्री ने तत्काल संस्था की संस्थापक सह सचिव अनामिका मजूमदार को बुलाकार उनके कार्यों की सराहना की तथा दो लाख रुपये अपने विवेकाधीन कोटे से दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस एक महिला ने स्लम बच्चों को संवारकर यह दिखाया है कि अगर कोई कुछ करना चाहे तो उसे कोई नहीं रोक सकता।
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बच्चों को स्वरोजगार से जोड़ना उद्देश्य : अनामिका
इन स्लम बच्चों ने मुझसे बहुत उम्मीद बांध रखी है। सिर्फ बच्चे ही नहीं उनके माता-पिता भी चाहते हैं कि इन्हें रोजागारपरक शिक्षा उपलब्ध कराई जाए। यह बातें फेथ इन इंडिया के संस्थापक सह सचिवअनामिका मजूमदार ने कही। अनामिका ने कहा कि इन बच्चों को अब स्वरोजगार से जोड़ना उनका एकमात्र उद्देश्य है। अनामिका कहती है जहां तक कैशलेस की बात है,जब घर की महिलाएं कैशलेस होंगी तो समाज अपने आप कैशलेस होगा। इसके लिए सबसे पहले गैस सिलिंडर वितरक से इसकी शुरुआत करनी होगी। प्रत्येक गैस सिलेंडर वितरक को स्वाइप मशीन रखना अनिवार्य करना होगा। ऐसा करने पर जमीनी स्तर से कैशलेस की परिकल्पना साकार हो सकती है। इसके लिए वे उपायुक्त से लेकर मुख्यमंत्री तक को पत्र प्रेषित कर चुकी हैं।