आरटीआइ हथियार, भ्रष्टाचार पर वार
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : ये हैं आरटीआइ (राइट टू इनफॉर्मेशन एक्ट) के सिपाही। नाम है
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : ये हैं आरटीआइ (राइट टू इनफॉर्मेशन एक्ट) के सिपाही। नाम है दिनेश महतो। काम आरटीआइ को हथियार बना कर भ्रष्टाचार पर वार। वर्ष 2007 से अब तक उन्होंने आरटीआइ के 353 आवेदन डाले और छह अफसरों को जेल भेजवाया। इस साल भी वे अब तक आरटीआइ के जरिए 30 सूचनाएं हासिल कर चुके हैं और पांच प्रक्रिया में हैं। दिनेश की शिकायत पर मनरेगा के डोकरासाई घोटाला, कालिकापुर घोटाला, गुड़ाबांधा मनरेगा घोटाला, मुसाबनी मनरेगा घोटाला आदि में जांच साबित हो चुकी है। कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है।
पोटका ब्लॉक के कोवाली पंचायत अंतर्गत चाडराडीह गांव निवासी दिनेश 2007 में आरटीआइ एक्टिविस्ट बने और घोटाले सामने लाने का जो सिलसिला चला वह अब तक कायम है।
-------
21 लाख के घपले में छह लोग गए जेल
दिनेश महतो ने आरटीआइ के जरिये सबसे पहले मनरेगा के वित्तीय साल 2007-08 में पोटका ब्लाक की 12 योजनाओं पर निशाना साधा। इनमें बिना सड़क और पुलिया बनाए ही 21 लाख 54 हजार रुपये निकाल लिए गए थे। आरटीआइ से जानकारी लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर तत्कालीन एसडीओ धालभूम कार्तिक कुमार ने पोटका थाने में तत्कालीन बीडीओ विपिन उरांव, सहायक अभियंता अभय कुमार सिंह, सहायक अभियंता एनके सिंह, जेई उपेंद्र प्रसाद, जेई शिवशंकर सोरेन, जेई अरुण कुमार सिंह, लिपिक देवाशीष चक्रवर्ती, सहायक लिपिक कमल पटनायक, बीपीओ कुलदीप महतो और बिचौलिया मुमताज अंसारी पर मुकदमा (60/2009) दर्ज कराया। इनमें से बीडीओ और बिचौलिए समेत छह लोगों को जेल जाना पड़ा।
---------------
उजागर किए पंचायत मंडप के घपले
दिनेश बताते हैं कि उन्होंने इस साल अब तक जमशेदपुर (34 लाख), बहरागोड़ा (38 लाख), घाटशिला (31 लाख), चाकुलिया (17 लाख ), मुसाबनी (आठ लाख) व डुमरिया (22 लाख) के घोटाले उजागर किए हैैं। आइटीडीए में पंचायत भवन घोटाला उजागर कर कनीय अभियंता शशिभूषण मुंडू से 18 लाख 44 हजार 466 रुपये की वसूली कराई। इसके अलावा, हरिणा घोटाला, डोकरासाई घोटाला, कालिकापुर घोटाला आदि में भी गबन की रकम की वसूली करा चुके हैं।