अखिलेश सिंह की जमानत रद कराने की तैयारी
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शहर के ट्रांसपोर्टर उपेंद्र सिंह की हत्या में आरोपी कुख्यात अि
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शहर के ट्रांसपोर्टर उपेंद्र सिंह की हत्या में आरोपी कुख्यात अखिलेश सिंह पर कानूनी शिकंजा कसने को जिला पुलिस ने कमर कस ली है। जिला पुलिस जेलर उमाशंकर पांडेय हत्याकांड में सजायफ्ता अखिलेश सिंह के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को आधार बनाकर जेलर हत्याकांड में जमानत को रद कराने की तैयारी कर रही है। पुलिस जल्द ही इसकी अर्जी दाखिल करेगी। गौरतलब है कि 12 फरवरी 2002 को तत्कालीन जेलर उमाशंकर पांडेय को साकची जेल परिसर स्थित उनके आवास में घुसकर अखिलेश सिंह ने अपने सहयोगी संतोष पाठक की मदद से गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस दौरान भीड़ ने संतोष को पीट-पीटकर मार डाला था। जबकि अखिलेश सिंह भाग निकला था। इस मामले में अखिलेश सिंह को झारखंड उच्च न्यायालय ने पहले अस्थायी जमानत प्रदान की थी। इसके बाद जमानत को स्थायी किया गया।
3 जनवरी 2006 को अखिलेश को न्यायालय ने हत्या में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 2007 में मां के इलाज के लिए अखिलेश को न्यायालय ने पेरोल प्रदान किया था। इसके बाद वह जेल आता-जाता रहा। वर्तमान में अखिलेश सिंह के खिलाफ 53 आपराधिक मामले दर्ज है। इनमें अधिकांश मामले हत्या, फाय¨रग, रंगदारी और आर्म्स एक्ट से जुड़े हुए हैं। अखिलेश सिंह को जमशेदपुर न्यायालय में पेशी की तिथि आठ और 21 नवंबर थी, लेकिन वह पेश नहीं हुआ। शुक्रवार को गोलमुरी पुलिस ने उसके खिलाफ दर्ज रंगदारी के मामले में फरार रहने के कारण उसके आवास को कुर्क किया था।
जमानत रद कराने को चाहिए आधार
अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू की माने तो जमानत रद कराने की प्रक्रिया काफी टेढ़ी है। जिस न्यायालय से किसी आरोपी को जमानत मिलती है। वहां से जमानत रद नहीं हो सकती। इसके लिए ऊपर न्यायालय में जाना होगा, साथ ही पर्याप्त साक्ष्य देने होंगे, जैसे वर्तमान में आरोपी की क्या गतिविधि है। बिहार में शहाबुद्दीन की जमानत रद कराने को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
उपेंद्र के पुत्र अजय को मिलेगा अंगरक्षक
जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय परिसर के बार एसोसिएशन कक्ष में 30 नवंबर को उपेंद्र सिंह की हत्या के बाद सुरक्षा दृष्टि से पुलिस द्वार उनके पुत्र अजय को अंगरक्षक उपलब्ध कराया जाएगा। इसके के लिए आदेश जारी हो चुका है।