शोध अनुसंधान
दिमाग को विकसित करता है मां का दूध समय पूर्व पैदा होने वाले बच्चों के दिमागी विकास में मां का दूध
दिमाग को विकसित करता है मां का दूध
समय पूर्व पैदा होने वाले बच्चों के दिमागी विकास में मां का दूध सहायक होता है। अमेरिकी शोधकर्ताओं के अनुसार जन्म के पहले महीने में स्तनपान कराने से उसके मस्तिष्क का विकास सही तरीके से होता है। विशेषज्ञों ने ऐसे शिशुओं के कुल आहार में कम से कम पचास फीसद मां के दूध को शामिल करने की सलाह दी है। यह मस्तिष्क में स्थित कोर्टेक्स के पूर्ण विकास में मददगार होता है। मस्तिष्क का यह हिस्सा समझने-बूझने की क्षमता के लिए जिम्मेदार होता है। दरअसल, निर्धारित 36 हफ्ते से पहले पैदा होने वाले बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास पूरी तरह नहीं हो पाता है। ऐसे बच्चों में आगे चलकर कई तरह की समस्याएं सामने आती हैं। जन्म के पहले महीने में स्तनपान करने वाले बच्चों में उल्लेखनीय सुधार देखा गया।
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खानपान से प्रभावित होता है गट बैक्टीरिया
आंत में पाया जाने वाला बैक्टीरिया (गट बैक्टीरिया) इंसानों को कई तरह की बीमारियों से बचाता है। यह पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है। गट बैक्टीरिया में विविधता स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है। ताजा अध्ययन के मुताबिक खानपान का इस पर बहुत ज्यादा असर पड़ता है। नीदरलैंड्स के शोधकर्ताओं ने अपने तरह के पहले अध्ययन में इसका पता लगाया है। उनके मुताबिक दही या छाछ के रोजाना सेवन से गट बैक्टीरिया की विविधता बढ़ती है, जबकि दूध या उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थो से इसमें कमी आती है। इसका मतलब यह हुआ कि ज्यादा कैलोरी वाले पदार्थो के सेवन से पाचन प्रक्रिया में गड़बड़ी का खतरा ज्यादा रहता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि 60 तरह के आहार कारक गट बैक्टीरिया की विविधता को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा 19 तरह की दवाएं भी इसमें सहायक होती हैं।
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