गर्भ में पल रहे बच्चों को जीका का खतरा अधिक
संवाद सहयोगी, जमशेदपुर : जीका वायरस गर्भवती महिलाएं को अपनी चपेट में ले सकता है और इससे अजन्मे बच्चो
संवाद सहयोगी, जमशेदपुर : जीका वायरस गर्भवती महिलाएं को अपनी चपेट में ले सकता है और इससे अजन्मे बच्चों के लिए खतरा पैदा कर सकता है। इस वायरस की वजह से भ्रूण में मस्तिष्क का विकास रुक जाता है। उक्त बातें शनिवार को टीएमएच के डॉक्टर जीएन शर्मा ने कहीं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की ओर से साकची स्थित आइएमए हॉल में जीका वायरस पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान डॉ. जीएन शर्मा ने जीका वायरस के संदर्भ में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि पहली बार युगांड (अफ्रीका) के जीका के जंगलों में इसका वायरस पाए जाने पर इसका नाम जीका वायरस रखा गया। एडीज मच्छर के काटने के बाद जीका वायरस का संक्रमण फैलता है। यह वही मच्छर है जिसके काटने से डेंगू और चिकनगुनिया फैलता है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि इसके प्रति जागरुक होने की आवश्कता है। इसका न तो कोई दवा है और न ही टीका। इस अवसर पर आइएमए के अध्यक्ष डॉ. आरपी ठाकुर, सचिव डॉ. मृत्युंजय सिंह, डॉ. जीसी माझी, डॉ. एसी अखौरी, डॉ. संतोष गुप्ता सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित थे।