86 बस्तियों के लिए 108 करोड़ की जलापूर्ति योजना
बागुनहातु जलापूर्ति योजना का खाका योजना की लागत--- एक अरब आठ करोड़ रुपये योजना में बनेंगी कितनी
बागुनहातु जलापूर्ति योजना का खाका
योजना की लागत--- एक अरब आठ करोड़ रुपये
योजना में बनेंगी कितनी जल मीनारें--- पांच
योजना को कितने जोन में बांटा गया है---पांच
कितने किलोमीटर बिछाई जाएगी पाइप लाइन--- 120 किलोमीटर
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शहर की चर्चित 86 बस्तियों को भले ही सरकार अभी मालिकाना हक नहीं दे सकी हो लेकिन इन बस्तियों को पानी देने के लिए वह बागुनहातु में एक बड़ी जलापूर्ति योजना लगाने जा रही है। यह महत्वाकांक्षी वृहत जलापूर्ति योजना 108 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगी। योजना का डीपीआर तैयार कर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने नगर विकास को सौंप दिया है। नगर विकास की मंजूरी मिलने के बाद इस योजना का टेंडर किया जाएगा।
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह ने इस योजना के बारे में पत्रकारों को चमरिया गेस्ट हाउस में बताया। वह यहां एक निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेने जमशेदपुर आए थे। उन्होंने बताया कि बागुनहातु जलापूर्ति योजना के तहत 120 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई जाएगी। 86 बस्तियों का बड़ा इलाका इस योजना से आच्छादित होगा। इसमें बागुनहातु के आसपास की बस्तियों को फायदा होगा। इसके तहत, नंद नगर, बाबूडीह, ग्वाला बस्ती, भुइंयाडीह आदि बस्तियों को भी पानी मिलेगा। इस जलापूर्ति योजना के स्थापित होने के बाद इन बस्तियों की निर्भरता जुस्को के पानी पर नहीं होगी। उन्होंने बताया कि इस योजना का डीपीआर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने तैयार कर दिया है। इस डीपीआर का टीएस भी कर लिया गया है। अब इसे मंजूरी के लिए नगर विकास विभाग को भेजा गया है। नगर विकास विभाग की मंजूरी मिलने के बाद पेयजल एवं स्वच्छता विभाग इस योजना का टेंडर करेगा। यह भी हो सकता है कि नगर विकास विभाग इसे अपनी एजेंसी जुडको की निगरानी में बनवाए। अगर ऐसा होता है तो योजना का टेंडर जुडको ही कराएगी। योजना को कौन सी एजेंसी अमली जामा पहनाएगी यह नगर विकास विभाग तय करेगा।
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मुसाबनी में 20 करोड़ से जलापूर्ति योजना
प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मुसाबनी में 20 करोड़ रुपये की लागत से एक जलापूर्ति योजना बनाई जाएगी। यह स्कीम विश्व बैंक की मदद से ली जा रही है। इस योजना का डीपीआर दो साल पहले बनाया गया था। अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि अब पाइप के रेट घट गए हैं। इसलिए, अगर लागत पुनरीक्षण भी होता है तो लागत पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। लागत 10-20 लाख घट ही सकती है।
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बोड़ाम में मिनी वाटर सप्लाई स्कीम
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बोड़ाम में भी मिनी वाटर सप्लाई स्कीम स्थापित की जाएगी। इसके अलावा नीमडीह, कुकड़े, कीताजुड़ी, मौदा आदि ग्राम पंचायत में एक मिनी वाटर स्कीम कायम होगी।