Move to Jagran APP

मानगो प्रकरण में पुलिसिया कार्रवाई पर भाजपाई उबले

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मानगो प्रकरण में भाजपाइयों व अन्य समान विचारधारा वाले संगठनों के नेताओं

By Edited By: Published: Mon, 27 Jul 2015 01:05 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2015 01:05 AM (IST)
मानगो प्रकरण में पुलिसिया कार्रवाई पर भाजपाई उबले

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मानगो प्रकरण में भाजपाइयों व अन्य समान विचारधारा वाले संगठनों के नेताओं पर प्रशासन द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के बाद महानगर भाजपा में उबाल आ गया है। इस मसले पर विचार के लिए शनिवार को महानगर भाजपा की बिष्टुपुर तुलसी भवन में हुई बड़ी बैठक में प्रशासन की भूमिका पर कड़ा प्रहार किया गया और सीधे-सीधे एलान कर दिया गया कि अगर इस मामले में एक भी भाजपाई की गिरफ्तारी की गई तो पार्टी द्वारा जेल भरो आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। भाजपाई इस मामले में दोषी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए रविवार को रांची जाकर मुख्यमंत्री रघुवर दास से मुलाकात करेंगे। इससे पहले महानगर भाजपा ने शनिवार को राज्य के खाद्य व आपूर्ति मंत्री सह जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय से मुलाकात पर उन्हें पूरी वस्तुस्थिति की जानकारी दी।

loksabha election banner

महानगर भाजपा की बैठक में मानगो प्रकरण के लिए सीधे-सीधे जिला प्रशासन व पुलिस अधिकारियों को दोषी करार दिया गया। भाजपा नेताओं का कहना था कि अगर पुलिस समय पर कार्रवाई करती तो यह स्थिति नहीं बनती। पुलिस अधिकारी अपनी गलती को छुपाने के लिए भाजपा नेताओं व सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का काम कर रहे हैं। महानगर भाजपा इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।

मानगो बवाल को लेकर अब तक पुलिस की ओर से ढाई हजार से अधिक लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इनमें भाजपा के दो दर्जन से अधिक नेता शामिल हैं। इस पुलिसिया कार्रवाई को देखते हुए महानगर भाजपा की ओर से तुलसी भवन में पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में लिए गए निर्णय के संबंध में महानगर भाजपा के प्रवक्ता अनिल मोदी की ओर से जारी बयान किया गया। इसमें कहा गया है कि बैठक में उपस्थित नेताओं ने एक स्वर में घटनाक्रम की निंदा की तथा इसे भाजपा सरकार को बदनाम करने की सोची समझी साजिश करार दिया। नेताओं ने कहा कि इस घटना के पीछे प्रशासन के कुछ आला अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है जिसकी जाच होनी चाहिए। यदि कोई बड़ा अधिकारी भी शामिल पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। बैठक में सवाल उठाया गया कि जब एडीजे एसएन प्रधान प्रशासनिक विफलता की बात स्वीकार कर चुके हैं तो फिर प्रशासन की ओर से संवाददाता सम्मेलन कर कैसे कहा जा रहा है कि घटना दो आपराधिक गिरोहों की आपसी लड़ाई का परिणाम है। अगर घटना दो अपराधी गिरोहों की आपसी लड़ाई का नतीजा है तो फिर किस आधार पर भाजपा के निर्दोष कार्यकर्ताओं व अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं पर मुकदमा किया गया? बैठक में कहा गया कि प्रशासनिक अधिकारियों के बुलावे पर भाजपा नेता घटनास्थल पर गए थे। वैसे नेताओं के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई। बैठक में कहा गया कि इस मामले में प्रशासन की इस गलत कार्रवाई को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पूरा भाजपा परिवार एकजुट होकर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए सरकार पर दबाव बनाएगा। बैठक में मुख्य रूप से नंदजी प्रसाद, चंद्रशेखर मिश्र, देवेन्द्र सिंह, राजकुमार श्रीवास्तव, मनोज कु सिंह, राजन सिंह, हरेन्द्र पाण्डेय, राजेश शुक्ला, रमेश हासदा, कुलवंत सिंह बंटी, अप्पा राव, कमल किशोर, सतीश सिंह, प्रदीप महतो, तपन कर्मकार, मुकुल मिश्र, राम सिंह मुंडा, पवन अग्रवाल, भूपेंद्र सिंह, संजीव मुखर्जी, विमल जालान, अनिल मोदी, राजेश सिंह, सतीश श्रीवास्तव, नित्यानंद सिन्हा, काजू साडिल, रतन महतो, राजपति देवी, बोल्टू सरकार, पंकज सिन्हा, संजीव सिंह,अभय चौबे व दीपू पारिख सासद प्रतिनिधि संजीव कुमार एवं अन्य उपस्थित थे।

कोट

महानगर भाजपा का प्रतिनिधिमंडल मिलने आया था। पार्टी नेताओं की भावनाओं को मुख्यमंत्री को अवगत कराएंगे। हम खुद भी पूरे प्रकरण पर नजर रख रहे हैं।

-सरयू राय

खाद्य आपूर्ति व संसदीय कार्य मंत्री

-------------------

पुलिस के खुलासे पर उठाए सवाल

जमशेदपुर : मानगो बवाल को लेकर पुलिस द्वारा किए गए खुलासे पर महानगर भाजपा ने कई सवाल उठाए हैं? पार्टी का कहना है कि क्या वाकई में मानगो बवाल के पीछे दो अपराधी गिरोह की लड़ाई है या कुछ और? पुलिस ने जिन दो अपराधी गिरोह के नाम का खुलासा किया है, उनके बारे में अब तक हर कोई अनजान रहा है। पुलिस की सूची में दोनों अपराधी गिरोह का नाम पूर्व में कभी नहीं रहा बताया जाता है। यही नहीं, किसी कारोबारी या उद्यमी द्वारा दोनों गिरोहों के खिलाफ रंगदारी मांगने की शिकायत गी कभी दर्ज कराई गई है। सवाल उठाया जा रहा है कि अगर दोनों गिरोह, जो एक ही समुदाय से जुड़े हैं, मजबूती से अपना नेटवर्क तैयार कर रहे थे तो क्या खुफिया विभाग व पुलिस को इसकी भनक तक नहीं थी? क्या यह गिरोह इतना मजबूत हो गया था कि दो समुदाय के लोगों उनकी बातों में आकर एक-दूसरे को मरने व मारने को तैयार हो गए थे? महानगर भाजपा की बैठक में कहा गया कि कई ऐसे और सवाल हैं जिनका जवाब प्रशासन को देना होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.