कागज पर चल रहे प्रज्ञा केंद्र, 135 में 96 सक्रिय
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम में 135 प्रज्ञा केंद्रों में से महज 96 सक्रिय हैं। यही नह
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम में 135 प्रज्ञा केंद्रों में से महज 96 सक्रिय हैं। यही नहीं, इनमें से भी ज्यादातर प्रज्ञा केंद्रों पर उनके संचालक अनियमित तौर पर बैठते हैं जिस वजह से यहां कोई नहीं आता। इन प्रज्ञा केंद्रों को सक्रिय करने के लिए जिला प्रशासन ने शनिवार को यूटीएल के अधिकारियों के साथ बैठक की।
इस बैठक की अध्यक्षता उप विकास आयुक्त विनोद कुमार ने की। बैठक में डीआरडीए की निदेशक उमा महतो, एनआरईपी की निदेशक रंजना मिश्रा समेत अन्य अधिकारी और सभी प्रखंडों के बीडीओ थे। बैठक में तकरीबन सभी बीडीओ ने शिकायत की कि प्रज्ञा केंद्र सिर्फ कागजों पर चल रहे हैं। हकीकत में दो-चार ही प्रज्ञा केंद्र हैं जो सक्रिय हैं। पता चला कि 135 प्रज्ञा केंद्रों में से महज 96 प्रज्ञा केंद्र ही खुलते हैं। बाकी प्रज्ञा केंद्र बंद रहते हैं। 96 में से भी ज्यादातर प्रज्ञा केंद्र पर संचालक अनियमित तौर पर बैठते हैं। इस वजह से ग्रामीण यह नहीं जान पाते कि यह प्रज्ञा केंद्र कब खुलेगा। कभी-कभार कोई प्रज्ञा केंद्र खुल जाता है। उप विकास आयुक्त ने यूटीएल के प्रदेश कोआर्डिनेटर को सभी प्रज्ञा केंद्रों को सक्रिय करने और उनमें संचालकों को नियमित तौर से बैठने की हिदायत दी।
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जिले के युवकों को यूआइडी की ट्रेनिंग
बैठक में यूआइडी का भी मुद्दा उठा। अब तक जिले में 83 फीसद लोगों का आधार कार्ड बन चुका है। ग्रामीण इलाकों में आधार केंद्र लगभग बंद हो चुके हैं। प्रशासन की लाख कोशिश के बाद भी एजेंसी के लोग आधार बनाने नहीं आ रहे हैं। इसके पीछे कारण यह है कि आधार बनाने वाले युवक ज्यादातर गैर जिले के हैं। इस समस्या से निपटने के लिए उपायुक्त ने यूटीएल के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह जिले के युवकों को ही आधार बनाने की ट्रेनिंग दें।