उम्र 26 वर्ष, रैंक भी 26
जमशेदपुर : छोटा गोविंदपुर स्थित पोस्ट ऑफिस प्राइवेट लाइन में रहने वाली नेहा कुमारी को यूपीएससी में 2
जमशेदपुर : छोटा गोविंदपुर स्थित पोस्ट ऑफिस प्राइवेट लाइन में रहने वाली नेहा कुमारी को यूपीएससी में 26वां रैंक मिला है। उम्र 26वीं की पड़ाव में 26वें रैंक प्राप्त होने पर नेहा की मां उसे शुभ मानती है। मां उषा देवी बताती है कि बेटी का सपना पूरा हो गया, उसने पूरे परिवार व समाज का नाम रौशन किया है। अपने भाई-बहन में बड़ी होने की वजह से वह परिवार को आगे बढ़ाने की हौंसला पाले हुई थी, उसका विश्वास था कि वह एक दिन अपनी मंजिल अवश्य प्राप्त करेगी। बड़ों का आदर करना, छोटो को प्रेम करना व दोस्तों से सादगी से पेश आना उसकी खुबी थी। दादा-दादी की सेवा, मां-पिता के बताए राह पर चलना व अपने भाई- बहन को स्नेह देने में कभी पीछे नहीं रही।
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आइएसएस बनने की बचपन से
थी तमन्ना
नेहा के पिता सुनील कुमार दूबे एक साधारण परिवार से आते हैं। इनका पैतृक गांव पटना का दबेशपुर है। ये टाटा मोटर्स प्लांट वन के कर्मचारी हैं, जो सदैव अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर खास ध्यान देते हैं। पिता का कहना है कि उनकी बेटी नेहा बचपन से हीं आइएएस बनने की बात करती थी। वह कहती थी कि मैं एक दिन अवश्य आइएएस बनुंगी। टाटा स्टील में इंजीनियर बनने के बावजूद भी ड्यूटी से छुट्टी मिलने के बाद अपनी परीक्षा की तैयारी में लगी रहती थी। इधर यूपीएससी की तैयारी करने के मकसद से ही पिछले साल से वह टाटा स्टील से छुट्टी ले रखी है। बेंग्लुरू में रहकर यूपीएससी की तैयारी की, कोचिंग क्लास की और अपना परचम लहराया।
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घर पर था खुशी का माहौल
नेहा के गोविंदपुर स्थित आवास पर शनिवार को सुबह से ही खुशी का माहौल बना हुआ था। नेहा की सफलता की दस्तां जानने के बाद नेहा व उसके पिता सुनील दूबे को बधाईयां देने की तांता लग गई। परिजनों व शुभचितंकों को उनसे मिलने की होड़ सी लगी हुई थी। शाम में टेल्को यूनियन के सहायक सचिव सतीश मिश्रा, समाजसेवी रमेश अग्निहोत्री, आरएन सिंह समेत कई लोग उन्हें सुनील दूबे व उनके परिवार को बधाईयां देने पहुंचे हुए थे। वहां देर शाम तक मिठाई खाने-खिलाने का तौर चलता रहा।
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फैक्ट फाइल
- 2007 में विद्या भारती चिन्मया स्कूल, टेल्को से प्लस टू किया।
- बीआइटी मेसरा से इलेक्ट्रिकल इंजीनिय¨रग
- 2012 में टाटा स्टील के इलेक्ट्रिकल विभाग के ईएंडडी डिपार्टमेंट में मैनेजर के रूप में योगदान
- 2014 में टाटा स्टील की नौकरी छोड़ी
2015 में यूपीएससी में चयन