हर डाल पर ठग, हर शाख पर शिकार
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शहर में 'फोन-फोर्जरी' यानी फोन पर ठगने के मामलों की बाढ़ सी आ गई है। आए
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शहर में 'फोन-फोर्जरी' यानी फोन पर ठगने के मामलों की बाढ़ सी आ गई है। आए दिनों कोई न कोई इसका शिकार बन रहा है। 'फोन-फोर्जरी' करने वाले ये जालसाज आपसे सिर्फ एटीएम कार्ड पर अंकित एटीएम नंबर पूछ कर ही आपकी पूरी जमा-पूंजी उड़ा सकते हैं। इसलिए ऐसे जालसाजों से बेहद सावधान रहने की जरूरत है। बातों में बहलाकर ये आपसे कार्ड नंबर उगलवा लेंगे और बस इसके बाद अकाउंट से पलक झपकते सारा पैसा साफ।
मंगलवार को एसबीआइ के ग्राहकों को ऐसे ही जालसाजों के फोन-कॉल आए। एक के बाद एक कई ग्राहकों को मोबाइल नंबर 9570699738 से फर्जी फोन आए। फोन करने वाले ने कहा कि वह एसबीआइ के एटीएम हेडक्वार्टर से बोल रहा है। ग्राहकों का पहले यह कहकर डराया कि उनका एटीएम निरस्त कर दिया गया है। उसे रिन्यू करना होगा, तभी यह फिर से चालू होगा। जैसे ही ग्राहकों ने पूछा कि एटीएम दोबारा चालू कराने के लिए क्या करना होगा? जालसाज ने उधर से तुरंत जाल फेंका। कहा-'एटीएम में 16 या 19 अंकों का एटीएम नंबर होगा, उसका मिलान कराना होगा। जालसाज ने नंबर का मिलान कराने के लिए ग्राहकों से एटीएम में अंकित एटीएम नंबर बताने को कहा। अगर यह नंबर दे दिया जाता तो इसी नंबर से ठग अपना काम कर जाता। टेल्को निवासी रामनिवास सिंह ने बताया कि वे नंबर बताने ही जा रहे थे कि उनके बेटे ने उन्हें रोक लिया। रामनिवास के मुताबिक फोन करने वाले ने कहा कि मैं आपका पासवर्ड भी आपसे नहीं पूछूंगा। इसलिए रामनिवास भरोसे में आ गए थे। फोन करने वाले ने कहा कि एटीएम नंबर देने के बाद वह ग्राहक (रामनिवास को) एक वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) मोबाइल पर भेजेगा। ओटीपी का मिलान उसके साथ (जालसाज के साथ) करते ही एटीएम चालू हो जाएगा। वह तो अच्छा हुआ कि रामनिवास को उसके बेटे ने रोक लिया वरना सारे पैसे उड़ा दिये जाते।
----
दूसरों के नाम होता सिम कार्ड : पिछले दिनों हजारीबाग में पकड़े गए 'फोन-फोर्जरी' के ऐसे ही आरोपियों के एक गिरोह को दबोचा गया था। इन्होंने जो खुलासे किये थे उसके मुताबिक ये गांव-देहात के इलाकों में जाकर किसी तरह झूठ बोलकर गरीबों के आइडी प्रूप (वोटर कार्ड या आधार) प्राप्त करते हैं। इसके लिए वे गरीबों से कहते हैं कि वे उनके राशन कार्ड का फार्म भरवाएंगे। ऐसे आइडी प्राप्त कर कई सिम कार्ड खरीद लेते हैं और उसका उपयोग ऐसे फोन करने में करते हैं।
--
ऐसे उड़ाते रुपये :
नागपुर से इंजीनिय¨रग कर शहर लौटे कंप्यूटर इंजीनियर लखन टुडू बताते हैं कि एटीएम में अंकित एटीएम नंबर मिलने पर बिना एटीएम पासवर्ड के रुपये उड़ाए जा सकते हैं। ठग इसी तरीके का इस्तेमाल करते हैं। ऑनलाइन पेमेंट प्रोसेस में इसका प्रावधान है, लेकिन हां, इसके लिए वन टाइम पासवर्ड ग्राहक के मोबाइल पर भेजी जाती है, जिसे ट्रांजेक्शन के लिए डालना पड़ता है। लखन के मुताबिक कई बार ऑनलाइन शॉपिंग करने के दौरान भी ऑनलाइन पेमेंट करने पर यही तरीका आम तौर पर अपनाया जाता है। यानी कंप्यूटर पर एटीएम में अंकित नंबर डालते ही ओटीपी डालने के साथ ही आपके एटीएम के पासवर्ड के बिना आपका पैसा उड़ जाएगा।
---
बैंक से बार-बार किया जा रहा अलर्ट
आइसीआइसीआइ बैंक व एसबीआइ की और से लगातार ग्राहकों को इस बाबत अलर्ट जारी किया जा रहा है कि वे किसी भी व्यक्ति को अपना एटीएम नंबर या ओटीपी न बताएं। बैंकों ने स्पष्ट कर दिया है कि बैंक की ओर से ग्राहकों को एटीएम नंबर या अन्य जानकारी मांगने के लिए कभी फोन नहीं किया जाता।