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नेताजी का चिंतन आज भी प्रासंगिक : शेखर डे

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : परसुडीह स्थित प्रमथनगर में शनिवार को सामाजिक संस्था सौरभ व सुभाष सांस्कृ

By Edited By: Published: Sun, 29 Mar 2015 01:15 AM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2015 04:01 AM (IST)
नेताजी का चिंतन आज भी प्रासंगिक : शेखर डे

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : परसुडीह स्थित प्रमथनगर में शनिवार को सामाजिक संस्था सौरभ व सुभाष सांस्कृतिक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें बतौर वक्ता सुभाष सांस्कृतिक परिषद की ओर से व श्रीलेदर्स के मालिक शेखर डे ने नेताजी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस में बचपन से ही देश प्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी थी। जब वे बड़े हुए तो सशक्त भारत की परिकल्पना की सोच को साकार करने में जुटे। वे किसी भी कीमत पर भारत के स्वाभिमान और देशवासियों के सम्मान को प्रतिष्ठित करना चाह रहे थे। इसके लिए उन्होंने कितना संघर्ष किया, यह बताने की आवश्यकता नहीं है। यहां यह बताना आवश्यक है कि नेताजी की चिंतन या विचारधारा आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी उस समय थी। आज भी विदेशी ताकतें हमारे देश को कमजोर करने में जुटी हैं। भले ही इसका रूप अलग हो, लेकिन हमें इसे समझने और सोचने की जरूरत है। सेमिनार को संबोधित करते हुए परिषद के अध्यक्ष डॉ. रंजीत चौधरी ने नेताजी और वर्तमान परिदृश्य पर प्रकाश डाला, जबकि विमल चक्रवर्ती ने आजाद ¨हद फौज के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम का शुभारंभ नेताजी के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ, जबकि इस अवसर पर भास्कर भट्टाचार्य, सुरजीत भट्टाचार्य, असीम मिश्रा, काजल सेन, तापस चट्टराज आदि समेत कई लोग उपस्थित थे।

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