मोदी सरकार का संतुलित एवं दूरदर्शी बजट
आर्थिक स्थिति में सुधार को बजट में जो उपाय किए गए हैं, उससे आठ से साढ़े प्रतिशत जीडीपी ग्रोथ संभव है
आर्थिक स्थिति में सुधार को बजट में जो उपाय किए गए हैं, उससे आठ से साढ़े प्रतिशत जीडीपी ग्रोथ संभव है। सरकार का आधारभूत संरचनाओं के विकास पर अपेक्षित जोर है। इसलिए इस मद में बीते वित्तीय वर्ष की अपेक्षा 70 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है। सरकार ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के अंतर्गत आने वाली बाधाओं को दूर करने की दिशा में भी सराहनीय कदम उठाए हैं। अब सरकार पीपीपी मोड के 'मेजरिटी रिस्क' को खुद उठाएगी। यह भी स्वागतयोग्य है कि सरकारी निविदाओं के विवाद संबंधी निपटारे को पब्लिक कांटै्रक्ट डिस्प्यूट रेड्रेसल मेकानिज्म विकसित किया गया है। कॉरपोरेट टैक्स में पांच प्रतिशत की कमी(30 से घटाकर 25 प्रतिशत) प्रत्यक्ष करों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी बनाने की कोशिश है। बजट में कर स्थिरता, कर ढांचे में पूर्व प्रभावी संशोधन का परिहार व एक अप्रैल 2016 से जीएसटी(गुड्स एंड सर्विस टैक्स) प्रभावी करने की घोषणाएं देश में निवेश के माहौल को उत्साहित करेंगी। सर्विस टैक्स को 12.36 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करना जीएसटी लागू करने की दिशा में कदम है। बजट में कारोबार-व्यापार संचालन को आसान बनाने का अच्छा प्रयास हुआ है। इसके लिए विशेषज्ञ कमेटी गठित की गई है जो एक ही छतरी के नीचे सारे संबंधित नियम-कानूनों को लाने का ड्राफ्ट तैयार करेगी। इसके अतिरिक्त उत्पाद एवं सेवाकर का ऑनलाइन निबंधन व वेल्थ टैक्स को खत्म किया जाना प्रशंसनीय है। हमें इंतजार करना होगा कि केंद्र सरकार 'लेस गवर्नमेंट, मोर गवर्नेस' को किस तरह कार्यान्वित करती है। शिक्षा, रक्षा, सामाजिक सुरक्षा, स्वच्छ भारत व नमामि गंगा अभियान पर भी काफी जोर दिया गया है। यह संतुलित व दूरदर्शी बजट है।
-आशीष माथुर, प्रबंध निदेशक, जुस्को