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10 रुपये तक कम होगा मेधा दही का दाम

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : सरकारी संस्था मदर डेयरी के सहयोग से प्रदेश में लांच मेधा दूध के लिए झारख

By Edited By: Published: Sun, 01 Feb 2015 01:07 AM (IST)Updated: Sun, 01 Feb 2015 03:26 AM (IST)
10 रुपये तक कम होगा मेधा दही का दाम

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : सरकारी संस्था मदर डेयरी के सहयोग से प्रदेश में लांच मेधा दूध के लिए झारखंड राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक महासंघ लिमिटेड के एमडी बीएस खन्ना ने कहा है कि मेधा के दुग्ध उत्पाद अन्य कंपनियों के उत्पाद से सस्ते होंगे। जल्द ही मेधा दही के दाम दो रुपये तक कम कर दिए जाएंगे। महीने भर के अंदर दही को पाउच में बेचा जाएगा जिससे इसके दाम 10 रुपये प्रति लीटर तक कम कर दिए जाएंगे।

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फरवरी तक दही के 100, 200 और 400 ग्राम के पाउच आ जाएंगे जो बाजार में तुलनात्मक रूप से सस्ते होंगे। एमडी साकची में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महासंघ आदित्यपुर में एक डेयरी खोलेगा। इस 50 हजार लीटर क्षमता वाली डेयरी की लागत 28 करोड़ के आसपास होगी। साथ ही आदित्यपुर में 50 हजार रुपये की लागत से एक कोल्ड स्टोर खोला जाएगा।

इसके लिए महासंघ ने आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया में पांच एकड़ जमीन की मांग की है। जमशेदपुर में मेधा दूध की बिक्री 26 नवंबर से शुरू हो गई है। जिले में दूध की मांग डेढ़ लाख लीटर है जबकि मेधा दूध की आपूर्ति साढ़े तीन हजार लीटर प्रतिदिन तक पहुंच चुकी है। महासंघ का संचालन अभी नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड कर रहा है। बोर्ड के आठ अफसरों की टीम मेधा को बाजार में स्थापित करने में जुटी हुई है।

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महासंघ बनाएगा 300 बूथ

झारखंड राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक महासंघ लिमिटेड के एमडी ने कहा कि शहर में मेधा दूध बेचने के लिए 300 बूथ तैयार किए जाएंगे।

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इलेक्ट्रानिक सिस्टम से हो रही खरीद

किसानों का दूध परख कर लिया जा रहा है। इससे किसान दूध की गुणवत्ता दुरुस्त कर रहे हैं। पहले उनका दूध 20-25 रुपये लीटर में खरीदा जा रहा था। अब इसका दाम 41 रुपये तक पहुंच गया है।

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किसानों को दे रहे तीन करोड़ का कारोबार

महासंघ के एमडी ने कहा कि दिसंबर तक मेधा के तहत 50 हजार लीटर दूध की खरीद की जाएगी। अभी किसानों को तीन करोड़ का कारोबार मिल रहा है। दिसंबर तक इसमें और इजाफा कर दिया जाएगा। दूध खरीदने के बाद सीधे किसानों के खाते में रकम भेजी जा रही है।

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दुग्ध उत्पादन में पीछे है पूर्वी सिंहभूम

महासंघ के एमडी ने कहा कि पूर्वी सिंहभूम दूध उत्पादन के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है। अभी यहां से दूध खरीदने का काम नहीं हो सकता। महासंघ जल्द ही किसानों को इस दिशा में आगे ले जाएगा ताकि जिले में भी दूध उत्पादन को बढ़ावा मिले।

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