अनुसंधानकर्ता का पेंशन व वेतन रोकने का आदेश
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : दो अलग-अलग मामलों में एडीजे वन की अदालत ने अनुसंधानकर्ता के वेतन व पेंशन
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : दो अलग-अलग मामलों में एडीजे वन की अदालत ने अनुसंधानकर्ता के वेतन व पेंशन पर रोक लगाने का आदेश बुधवार को दिया है।
खूटांडीह निवासी अर्जुन दास द्वारा दर्ज मामले में किरायेदार संतोष कर्मकार, मां सुमित्रा कर्मकार, बहन गुड़िया कर्मकार पर उसकी नाबालिग बेटी को वर्ष 2010 को शादी की नियत से भगा कर ले जाने का आरोप है। आरोपी ने अर्जुन की बेटी से शादी कर ली और उसे लेकर रुपनगर में रहने लगा। इसके बाद 50 हजार रुपये दहेज स्वरुप मांगने लगा। जब रुपये नहीं दिए तो संतोष ने अपने ससुर को फोन कर उनकी बेटी के जलने की सूचना दी। जब वे लोग एमजीएम अस्पताल पहुंचे तो उसे टीएमएच रेफर कर दिया गया। वहां अर्जुन की बेटी की इलाज के दौरान मौत हो गई। मामले में 9 गवाह कोर्ट में पेश हुए लेकिन तीन अनुसंधानकर्ता एसआइ शिव कुमार शर्मा, बृजमोहन प्रसाद व आर तिरिया ने कोर्ट में गवाही नहीं दी।
दूसरे मामले में ललिता देवी ने अपनी बेटी नीलम देवी की शादी मानगो निवासी मनोहर के साथ करायी। ससुराल में उसे प्रताड़ित किया जाने लगा तो 7 जून 2011 को नीलम देवी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दहेज हत्या के मामले में कोर्ट में मनोहर ठाकुर, कैलाश ठाकुर व मुन्नी देवी के खिलाफ मामला चल रहा है। इसमें 8 गवाहों की गवाही हो चुकी है। अनुसंधानकर्ता नंद किशोर, अशोक कुमार चौबे व देवेन्द्र पासवान ने मामले में अब तक गवाही नहीं दी है। इसको लेकर एडीजे फर्स्ट की कोर्ट ने इन तीनों अनुसंधानकर्ताओं का वेतन व पेंशन रोकने का आदेश दिया है।