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ई गजट के बाद छप गए बैलट पेपर

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : विधानसभा निर्वाचन के लिए चुनाव आयोग ने चुनाव निशान का ई गजेट कर दिया है।

By Edited By: Published: Thu, 20 Nov 2014 04:14 AM (IST)Updated: Thu, 20 Nov 2014 01:33 AM (IST)
ई गजट के बाद छप गए बैलट पेपर

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : विधानसभा निर्वाचन के लिए चुनाव आयोग ने चुनाव निशान का ई गजेट कर दिया है। इसके बाद जिला निर्वाचन विभाग ने बैलट पेपर छपवाए हैं। हालांकि अभी बैलट पेपर जिले में नहीं पहुंचे हैं। बैलट पेपर कोलकाता में छपे हैं। गुरुवार को शाम तक बैलट पेपर के जमशेदपुर आ जाने की उम्मीद है।

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ईवीएम से मतदान के दौर में भी बैलट पेपर के बिना काम नहीं चलता। ईवीएम पर उम्मीदवारों के चुनाव निशान बैलट पेपर लगा कर ही फिक्स किए जाते हैं। जिले में इस बार 1630 बूथों पर इतनी ही ईवीएम लग रही हैं। इन ईवीएम के लिए 1630 बैलट पेपर लगने हैं। इसके अलावा, हर बूथ पर 20-20 बैलट पेपर टेंडर वोट के लिए दिए जाते हैं। टेंडर वोट का मतलब है कि जब कोई वोटर किसी बूथ पर वोट देने जाता है और वहां पता चलता है कि उसका वोट पहले ही पड़ चुका है। इस पर पूरी पड़ताल के बाद वोटर को टेंडर वोट देने के लिए बैलट पेपर दिया जाता है।

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हर विधानसभा में 500 पोस्टल बैलट

पोस्टल बैलट कोषांग की नोडल अफसर रंजना मिश्रा ने बताया कि हर विधानसभा सीट के लिए 500 पोस्टल बैलट छपवाए जा रहे हैं। पोस्टल बैलट शहर में ही छप रहे हैं। जिले में सर्विस वोटर की तादाद 993 है। इसके अलावा पहली बार मतदान कर्मियों को पोस्टल बैलट के जरिए मतदान की सुविधा दी जा रही है। अभी फार्म 12 जमा हो रहे हैं।

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ईवीएम सीलिंग की दी गई ट्रेनिंग

ईवीएम सीलिंग टीम को माइकल जॉन आडिटोरियम में ट्रेनिंग दी गई। यह ट्रेनिंग प्रशिक्षण कोषांग की नोडल अफसर रंजना मिश्रा ने दी है। ईवीएम सीलिंग में लगे कर्मचारियों को बताया गया कि ईवीएम को कहां-कहां सील करना है।

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उपायुक्त ने लिया ट्रेनिंग का जायजा

मतदान कर्मियों की तीसरे चरण की ट्रेनिंग का बुधवार को दूसरा दिन था। उपायुक्त ने टाटा आडिटोरियम, माइकल जॉन आडिटोरियम, रवींद्र भवन, सिदगोड़ा टाउन हाल जाकर कर्मचारियों की ट्रेनिंग का जायजा लिया। इस मौके पर रवींद्र भवन में कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि इस बार पोलिंग पार्टी के सभी सदस्यों को एक साथ रहना है। सामग्री और ईवीएम लेने सबको साथ जाना है। इसके बाद सेक्टर मजिस्ट्रेट के साथ एक साथ क्लस्टर पर रहना है। सुबह सबको एक साथ मतदान केंद्र पर जाना है। यहां तक की पोलिंग पार्टी के सभी सदस्यों को ईवीएम जमा करने के लिए भी एक साथ आना है।


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