बैंक अधिकारियों ने शुरू किया असहयोग आंदोलन
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : वेतन वृद्धि की मांग को लेकर लंबे समय से धरना-प्रदर्शन व हड़ताल के बाद बैं
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : वेतन वृद्धि की मांग को लेकर लंबे समय से धरना-प्रदर्शन व हड़ताल के बाद बैंक कर्मियों ने असहयोग आंदोलन शुरू कर दिया है। इसके तहत वह छुट्टी के दिन बैंक के किसी कार्यक्रम या बैठक में शामिल नहीं होंगे। ये बातें फेडरेशन ऑफ बैंक ऑफ इंडिया आफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील कुमार ने कहीं।
बुधवार को बिष्टुपुर स्थित बैंक ऑफ इंडिया में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि एक समय बैंक कर्मियों का वेतन सबसे आकर्षक था, जबकि आज प्राइमरी टीचर से भी कम हो गया है। वेतन में गिरावट का दौर पांचवें वेतन समझौते से शुरू हुआ जो अब तक जारी है। मौजूदा वेतन समझौता दो साल से लंबित है, इसके बाद बैंक प्रबंधन के साथ 15 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन स्थिति जस की तस है। इंडियन बैंकर्स एसोसिएशन 11 फीसद से ज्यादा देने को तैयार नहीं है, जबकि यूनियन ने अपनी मांग 25 से घटाकर 23 फीसद कर दी है। पुराने फार्मूले के आधार पर भी 21.76 फीसद वेतन वृद्धि होनी चाहिए। जबकि पिछले पांच साल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कारोबार तीन गुणा बढ़ गया है, शाखा दोगुनी हो गई है तो प्रति कर्मचारी व्यवसाय भी दोगुनी हुई है। 2012-13 में बैंकों ने 1.27 लाख करोड़ का कारोबार किया, तो 2013-14 में 1.29 लाख करोड़ का व्यवसाय रहा। इसके बावजूद बैंकों ने शुद्ध लाभ कम दिखाया है, क्योंकि उन्होंने 27.86 हजार करोड़ के कर्ज माफ कर दिए हैं। अब इससे कर्मचारियों का क्या लेना-देना है, हम प्रबंधन की उदारता का खामियाजा क्यों भुगतें। इस मौके पर एआइबीओआइ, झारखंड के महासचिव सुनील लकड़ा भी उपस्थित थे।