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आदिवासी भाषा के संरक्षण से बचेगी संस्कृति

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : आदिवासी जन नायक बिरसा मुंडा की जयंती पर देश की सबसे बड़ी इस्पात निर्माता

By Edited By: Published: Wed, 19 Nov 2014 03:45 AM (IST)Updated: Wed, 19 Nov 2014 01:03 AM (IST)
आदिवासी भाषा के संरक्षण से बचेगी संस्कृति

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : आदिवासी जन नायक बिरसा मुंडा की जयंती पर देश की सबसे बड़ी इस्पात निर्माता कंपनी टाटा स्टील की ओर से आदिवासी समाज की सभ्यता, संस्कृति, भाषा और चिकित्सा पद्धति पर समग्र मंथन ने लिए आयोजित अखिल भारतीय जनजातीय अधिवेशन 'संवाद' का मंगलवार को समापन हो गया। कंपनी की ट्राइबल कल्चर सोसाइटी की ओर से बिष्टुपुर गोपाल मैदान में चार दिन चलने वाले इस महोत्सव के दौरान देश के 19 राज्यों में रहने वाली आदिवासी समुदाय की विभिन्न जातियों के प्रतिनिधि, कलाकार, शिक्षाविद सहित कुल करीब 1800 प्रतिनिधियों ने शिरकत किया। समापन दिवस के दिन आदिवासी भाषा और लिपि पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि अगर हम जनजातीय समाज की संस्कृति को बचाए रखना चाहते हैं तो इसके लिए जनजाति भाषाओं का संरक्षण किया जाना चाहिए। इसके अलावा आदिवासी समाज में महिलाओं की स्थिति पर भी मंथन किया गया। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि जनजातीय समुदाय में महिलाओं को बहुत पहले ही समानता का अधिकार मिला हुआ है। एक तरफ तथाकथित सभ्य समाज में महिलाओं के प्रति अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं वहीं आदिवासी समाज में महिलाएं अपने को ज्यादा सुरक्षित महसूस करती हैं। सभ्य समाज के दहेज उत्पीड़न जैसी घटनाओं ने आदिवासी समाज अब भी बचा हुआ है। समापन दिवस के तीन सत्र में कुल 30 वक्ताओं ने तीन अलग-अलग विषयों पर अपने विचार रखे।

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इन वक्ताओं ने रखे विचार

डॉ. फिलिक्स पैडेल, सोमा सिंह मुंडा, करमा ओरायन, निलांजल भट्टाचार्या, प्रबल महतो, गनेश मुर्मू, कांतिभाई पटेल, केसी टुडू, विनिता सोरेन, तुलसी मुंडा, आशा हांसदा सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।


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