गरीबों के लिए वित्त व बीमा बाजार की संभावना पर मंथन
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : वित्त व बीमा बाजार में गरीब तबके की हिस्सेदारी, उनकी उपयोगिता और संभावना
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : वित्त व बीमा बाजार में गरीब तबके की हिस्सेदारी, उनकी उपयोगिता और संभावना पर व्यापक चर्चा को देश-विदेश के विशेषज्ञों की जुटान शुरू हो गई है। जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (एक्सएलआरआइ) में 'इन्क्लूसिव फाइनांस' पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला शुक्रवार से शुरू होगी। अगले तीन दिन तक वित्त व बीमा बाजार में गरीबों की स्थिति व उनके लिए अधिक उपयोगी बनाने पर मंथन होगा। शुक्रवार को सुबह सवा नौ बजे एक्सएलआरआइ के निदेशक फादर ई अब्राहम द्वारा उद्घाटन के बाद एक्सएलआरआइ में फाइनांस व इकोनोमिक्स के प्रोफेसर एचके प्रधान अतिथियों का स्वागत करेंगे। उद्घाटन संबोधन भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंध निदेशक बी श्रीराम का होगा। कीनोट संबोधन 'बेसिक्स' के संस्थापक व सीइओ विजय महाजन देंगे। इसके बाद 11 से 12.30 बजे तक पहले सत्र में 'फाइनांशियल इन्क्लूजन पॉलिसी एंड लैंडस्केप : आर्किटेक्चर ऑफ इन्क्लूसिव इंडिया' विषय पर विशेषज्ञ अपनी राय प्रस्तुत करेंगे। 12.30 से 1.30 बजे तक का समय विभिन्न शोधप्रत्रों की प्रस्तुतियों का होगा। पहले दिन आर्थिक विकास, झारखंड में जनजातीय महिलाओं द्वारा स्वयं सहायता समूह के माध्यम से मुख्यधारा में शामिल होने पर केस स्टडी, बांग्लादेश में सूक्ष्म वित्तीय सहायता व इसकी वजह से आए जीवन स्तर में सुधार, इजिप्ट में गरीबों के लिए वित्त संबंधी कार्यक्रम, भारत में सूक्ष्म व लघु उद्योगों को ऋण व्यवस्था, सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण में सूक्ष्म ऋणों की भूमिका, वित्तीय योजनाओं-कार्यक्रमों के सामने वर्तमान चुनौतियों पर विशेषज्ञों द्वारा मंथन किया जाएगा। दूसरे दिन शनिवार को कार्यशाला की शुरुआत 'एक्सएलआरआइ-नाबार्ड इनोवेशंस फोर इम्पैक्ट अवार्ड' के साथ होगी। इसके अलावा कृषि वित्त, सामाजिक सुरक्षा, मांग व आपूर्ति में चुनौतियों पर चर्चा अन्य मुख्य विषय होंगे।
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ये होंगे मुख्य वक्ता
नाबार्ड के चेयरमैन डॉ. हर्ष कुमार भांवला, भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंध निदेशक बी श्रीराम, बेसिक्स के संस्थापक विजय महाजन, पद्मश्री एलॉसिस फर्नाडिस, नाबार्ड के पूर्व चेयरमैन वाइसी नंदा, बंधन कोलकाता के चेयरमैन चंद्रशेखर घोष, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स के अर्थशास्त्री डॉ. जीन ड्रेज, भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव टी विजय कुमार, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के जी गोपालकृष्णा, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस के डॉ. आर भास्करन, भारत सरकार वित्तीय सेवा विभाग के डॉ. आलोक पांडेय आदि।