अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य आज
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : 'आगे-आगे नारायण का घोड़ा और पीछे छठी माई की पालकी' आज पहुंच जाएगी..। नहाय
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : 'आगे-आगे नारायण का घोड़ा और पीछे छठी माई की पालकी' आज पहुंच जाएगी..। नहाय-खाय के बाद पवित्र हुए नगर-ग्राम में व्रती छठी माई से कल्याण की विनती करेंगे। बुधवार को स्वर्णरेखा और खरकई नदियों समेत सभी तालाबों व घरों-मुहल्लों में विशेष रूप से तैयार जलकुंड में अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही लोकपर्व छठ का मुख्य अनुष्ठान शुरू होगा।
स्वर्णरेखा के घाटों पर संध्याकालीन व प्रात: अर्घ्य के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा को देखते हुए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। घाटों पर प्रकाश की भी पूरी व्यवस्था है। शहर भर के गली-मुहल्लों में छठ के गीत गूंज रहे हैं। कई स्थानों पर भव्य प्रकाश सज्जा की गई है। सड़कों की सफाई हो चुकी है। प्रवासी अपने परिवार के साथ छठ मनाने पहुंच चुके हैं। मंगलवार को बाजार में पूजन व प्रसाद सामग्री की जमकर खरीदारी हुई। बुधवार को छठ घाटों पर दउरा भरकर प्रसाद चढ़ेगा। उसकी पूरी तैयारी हो गई है। गुरुवार सुबह 'पुरइन के पात पर सूरजमल' उगेंगे। उनकी उपासना के साथ ही चारदिनी लोकपर्व संपन्न होगा।
मंगलवार को छोटकी छठ पर व्रतियों ने पूरे दिन उपवास रखा। शाम को गुड़ वाली खीर तथा रोटी का प्रसाद ग्रहण किया। ठेकुआ बना। तमाम व्रतियों ने घाटों पर भी खरना का प्रसाद तैयार किया। टोला-मोहल्ला के लोग व सगे-संबंधी जुटे। छठी मइया से सुहाग, पुत्र, पुत्री, दामाद के लिए मंगलकामना की गई। गीत गूंजे 'सेईं ले चरण तोहार ए छठी मइया, सुनि लेहू अरज हमार..।' छठ को लेकर स्वर्णरेखा घाट, दोमुहानी घाट, भुइयांडीह घाट, पांडेय घाट, बारीडीह बस्ती घाट, बड़ौदा घाट, बोधनवाला घाट सहित तमाम घाटों पर प्रकाश और सुरक्षा के पूरे इंतजाम कर लिए गए हैं।