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चाइना की चमक पर आज भी भारी माटी का दीया

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर :दीपावली के बाजार में चाईना लाइटों ने भले ही अपनी जगह बना ली है, बावजूद इस

By Edited By: Published: Fri, 24 Oct 2014 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 24 Oct 2014 01:00 AM (IST)
चाइना की चमक पर आज भी भारी माटी का दीया

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर :दीपावली के बाजार में चाईना लाइटों ने भले ही अपनी जगह बना ली है, बावजूद इसके आज भी दीपोत्सव में मिट्टी के दीया और मोमबत्ती का क्रेज शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कम नहीं हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो कुम्हार के बनाए दीये और मोमबत्ती से ही हर घर-आंगन जगमग होता है। यही वजह है कि दीपावली के अवसर पर मिटटी के दीये व मोमबत्ती की बिक्री चार गुणा ज्यादा हो जाती है।

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15 फैक्ट्री व 400 खुदरा विक्रेता

शहर में 15 फैक्ट्री में मोमबत्ती का निर्माण चार माह पहले से ही शुरू हो जाता है। इन फैक्ट्रियों में मोमबत्ती की बिक्री थोक भाव में दस लाख रुपये से ज्यादा की होती है। जबकि शहर में 400 से ज्यादा मोमबत्ती के खुदरा व्यापारी है। प्रत्येक खुदरा विक्रेता 30 से 40 हजार रुपये की मोमबत्ती बेचते हैं। दुकानदार अशोक मंडल की मानें तो दीपावली में इस बार एक करोड़ 30 लाख रुपये से ज्यादा की मोमबत्ती की बिक्री होगी। वहीं आदित्यपुर स्थित फैक्ट्री में बनी मोमबत्तियां देहात व शहरी क्षेत्र में खपत होती हैं।

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शहर में बनी मोमबत्तियों से रौशन होता है ग्रामीण इलाका

शहर की करीब 15 मोमबत्ती फैक्ट्रियों में दीपावली के दौरान चार गुणा काम बढ़ जाता है। यहां बनने वाली मोमबत्ती घाटशिला, मुसाबनी, डुमरिया, जादूगोड़ा सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में आपूर्ति की जाती है। जबकि कोलकाता के मोमबत्ती व्यवसायी शहर के बाजारों में कम कीमत पर ही मोमबत्ती दुकानदारों को उपलब्ध करवा रहे हैं, जिससे स्थानीय मोमबत्ती फैक्ट्री मालिकों को अपनी गुणवत्ता पर खास ध्यान देना पड़ रहा है।

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करनी पड़ रही है मेहनत

चाईना मोमबत्ती, दीया का बाजार व कोलकाता की मोमबत्तियों के बीच शहर के कारोबारियों व कुम्हारों को अपना अपने उत्पाद की बिक्री में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। स्थित यह है दीपोत्सव के दौरान आर्डर पर काम करने वाले फैक्ट्री संचालक व घंटों में अपने दीये बिकने का दावा करने वाले कुम्हारों को ग्राहक का इंतजार करना पड़ रहा है।

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डिजाइनयुक्त मोमबत्ती का होता है निर्माण

शहर की मोमबत्ती कारखानों में दो से छह इंच तक की मोमबत्ती का निर्माण किया जाता है। कई संस्थाओं में काम करने वाले मूक बधिर भी डिजाइनयुक्त मोमबत्ती का निर्माण दीपावली के लिए करते हैं। यह कार्य चार माह पहले से ही शुरू हो जाता है।

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चाईना लाइट को लोग पसंद करने लगे हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी मोमबत्ती व दीये से गांव रौशन किया जाता है। बाजार में टिके रहने के लिए गुणवत्ता का ख्याल रखते हुए मैं अपनी फैक्ट्री में मोमबत्ती का निर्माण करवाता हूं।

- राजेश कुमार पटेल फैक्ट्री मालिक

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शहर में बनी मोमबत्ती ज्यादा गुणवत्ता वाली होती है। थोक बाजार से खुदरा में मोमबत्ती की कीमत 5 रुपये तक बढ़ जाती है।

- प्रमोद सिंह ग्राहक


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