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तीन नंबर टॉप चार्ज की जवाबदेही अरविंद के सिर

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर: टाटा स्टील कोक प्लांट में तीन नंबर टॉप चार्ज की बंदी के संकट पर राजनीति

By Edited By: Published: Mon, 20 Oct 2014 01:07 AM (IST)Updated: Mon, 20 Oct 2014 01:07 AM (IST)
तीन नंबर टॉप चार्ज की जवाबदेही अरविंद के सिर

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर:

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टाटा स्टील कोक प्लांट में तीन नंबर टॉप चार्ज की बंदी के संकट पर राजनीति शुरू हो गई है। विभाग के कई कमेटी मेंबरों एवं कर्मचारियों ने इस पूरे संकट की जवाबदेही टाटा वर्कर्स यूनियन के वाइस प्रेसिडेंट एवं विभागीय कमेटी मेंबर अरविंद पांडेय के सिर डाल दी हैं। तर्क वही जो इससे पहले यूनियन के विपक्षी खेमे ने ट्यूब के प्रभारी यूनियन पदाधिकारियों को घेरने के लिए इस्तेमाल किया था। दावा किया जा रहा है कि आखिर इतना सब कुछ निर्णय होने के बाद भी इस बात को इतने दिनों तक छिपाकर क्यों रखा गया? अगर तीन नंबर टॉप चार्ज को बंद करने के प्रस्ताव पर विभागीय कमेटी मेंबर अथवा यूनियन नेतृत्व के साथ प्रबंधन की वार्ता हुई थी तो फिर विपक्षी खेमे से ताल्लुक रखने का दावा करने वाले वाइस प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय ने इसे कर्मचारियों के बीच क्यों नहीं रखा? यूनियन की ओर से कोक प्लांट की जिम्मेदारी भी अरविंद पांडेय को ही दी गई थी। ऐसे में उन पर तीन गुना अधिक जवाबदेही थी। दरअसल यूनियन के सत्ताधारी खेमे ने विपक्षी खेमे के धुरंधरों को उन्हीं के किले में घेरेबंदी की रणनीति अख्तियार कर ली है। इसके लिए विपक्ष की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले हथियार को उन्हीं के उपर आजमाया जा रहा है। अब तक ट्यूब डिवीजन में सरप्लस होने वाले कर्मचारियों को लेकर पीएन गुट के लोगों को विपक्ष ने निशाने पर ले रखा था, जब सत्तापक्ष ने वही दाव अरविंद पांडेय पर चल दिया है। अपने ऊपर हो रहे हमले का जवाब देते हुए पांडेय ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। हालांकि यह चर्चा बहुत पहले से चल रही थी।

बावजूद अगर ऐसी स्थिति होती है तो सभी कर्मचारियों को विभाग में समायोजित कराने की भरपूर कोशिश करेंगे।

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अरविंद पांडेय न केवल विभागीय कमेटी मेंबर हैं बल्कि वह यूनियन में वाइस प्रेसिडेंट होने के साथ विभाग के प्रभारी यूनियन पदाधिकारी भी हैं। ऐसे में अगर विभाग से जुड़ा कोई भी अहम निर्णय हो रहा था तो अरविंद पर यह जवाबदेही थी कि वह समय रहते इससे विभागीय कर्मचारियों को अवगत कराते। यह सही है कि इस संकट के दौर में तमाम कमेटी मेंबर दौरे पर गए हैं लेकिन अगर अंतिम समय में टूर का बहिष्कार कर कुछ लोग कर्मचारियों की हमदर्दी बटोराना चाहते हैं तो इसे केवल नौटंकी ही कहा जा सकता है।

-रंजीत मिश्रा, कर्मचारी एवं प्रत्याशी,

कोक प्लांट, टाटा स्टील


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