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सेवा अवधि में दुर्घटनाग्रस्त कर्मियों के परिजनों को मिले नौकरी

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील में सेवा अवधि के दौरान दुर्घटनाओं में मरने वाले कर्मचारियों क

By Edited By: Published: Thu, 02 Oct 2014 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 02 Oct 2014 01:00 AM (IST)
सेवा अवधि में दुर्घटनाग्रस्त कर्मियों के परिजनों को मिले नौकरी

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील में सेवा अवधि के दौरान दुर्घटनाओं में मरने वाले कर्मचारियों के परिजनों के लिए अनुकंपा के आधार पर नौकरी की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। बुधवार को टाटा स्टील में एमडी ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान प्रबंध निदेशक टीवी नरेन्द्रन के समक्ष पूर्व कमेटी मेंबर करम अली खान ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने हाल ही में सड़क दुर्घटना के शिकार हुए कमेटी मेंबर संजय सिंह एवं कंपनी परिसर में काम करने के दौरान हुई डीपी सिंह की मौत के बाद अबतक पीड़ित परिवार को सहायता न मिल पाने की ओर प्रबंधन का ध्यान दिलाया। प्रबंध निदेशक ने आश्वासन दिया कि वह मांग पर उच्चाधिकारियों से विचार करने के लिए कहेंगे। हालांकि प्रबंधन ने यह भी साफ किया कि हर मरने वाले कर्मचारी के परिजन को नौकरी दे पाना संभव नहीं है। इसके अलग पहले ही मानक तय कर दिए गए हैं। एमडी ने कर्मचारियों को यूनियन अध्यक्ष पीएन सिंह एवं कंपनी के वाइस चेयरमैन बी मुत्थुरमण के सेवा निवृत्ति की जानकारी दी। पूर्व कमेटी मेंबर खान ने आदित्यपुर क्षेत्र में कोल वैगन से हो रही चोरी का मुद्दा भी जोरशोर से उठाया। उन्होंने आशंका जाहिर की कि कुछ स्थानीय माफिया की मिलीभगत से यह पूरा खेल चल रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर पूरे वैगन को कंपनी परिसर के अंदर ही खाली कर दिया जाए तो स्थिति को बहुत हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा शेखर पाल ने टीएमएच में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसा न होने से कर्मचारियों और उनके परिजन को बारीडीह जाना पड़ता है। जीएम टीएमएच डॉ. जी रामदास ने कहा कि बहुत जल्द समस्या के समाधान की कोशिश की जाएगा। जामाडोबा माइंस के एक कर्मचारी ने चिकित्सा सुविधा में कमी का उठाया मुद्दा उठाया। रामदास ने आश्वासन दिया कि जल्द ही परेशानी दूर हो जाएगी। कार्यक्रम के दौरान आयरन ओर से लेकर कोल माइंस तक की समस्या पर अलग-अलग लोगों ने अपने सुझाव दिए। कंपनी के प्रबंध निदेशक ने एक बार फिर सुरक्षा से लेकर उत्पादन तक की गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत बताई। इस दौरान लिंक फेल होने से कार्यक्रम में कुछ व्यवधान भी पड़ा।


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