उफनाई स्वर्णरेखा, तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : चांडिल डैम के फाटक खुल जाने के बाद स्वर्णरेखा नदी उफनाई हुई है। स्वर्णरेखा में नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। अगर स्वर्णरेखा खतरे के निशान के पार गई तो मानगो के कुछ इलाके पानी में डूब सकते हैं। फाटक खुलने की खबर मिलने के बाद जिला प्रशासन एलर्ट हो गया है। मानगो अक्षेस को सतर्क रहने को कहा गया है और राहत शिविर खोल दिए गए हैं।
मानगो और आजाद नगर थानों को भी रात में नदी किनारे के इलाकों में गश्त करने के निर्देश दिए गए हैं। नदी किनारे रहने वालों के लिए चेतावनी जारी कर दी गई है। डैम के फाटक रात साढ़ आठ बजे खोले गए हैं। इसका पानी देर रात जमशेदपुर पहुंचा है। चांडिल इलाके में रुक रुक कर तेज बारिश हो रही है। माना जा जा रहा है कि अगर बारिश का सिलसिला चलता रहा तो स्वर्णरेखा नदी खतरे के निशान को पार कर सकती है। एसडीओ प्रेम रंजन का कहना है कि अभी घबराने वाली बात नहीं है। स्वर्णरेखा नदी खतरे के निशान के नीचे है।
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चांडिल डैम के चार गेट तीन मीटर तक खुले
चांडिल : स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर बढ़ने से सुवर्णरेखा बांध विस्थापित क्षेत्र ईचागढ़, मेसाड़ा, बक्सा व पातकुम नदी तटीय इलाकों में अफरा-तफरी का माहौल बना है। निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका के मद्देनजर विभागी आदेश पर रविवार शाम छह बजे 4 रेडियल गेट 2-2 मीटर तक खोले गए एवं 6 गेट 1-1 मीटर तक खोले गए। कनीय अभियंता शाम छह बजे तक जल स्तर 181.80 मीटर तक था। विभाग के आदेश के अनुसार 181.00 मीटर मेंटन करने का निर्देश मिला है। लेकिन लगातार हो रही बारिश से शाम आठ बजे तक चाडिल डैम का जलस्तर 180.50 मीटर हो गया। इसके बाद विभाग ने सवा आठ बजे चार रेडियल गेट को तीन मीटर तक खुलवा दिए। एसडीएम नंदकिशोर गुप्ता ने बताया कि 4038 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। ईचागढ के नीमटाड, पलाशडीह, बाकसाई, खोखरो समेत दर्जनों गावों में पानी घुस गया है। में पानी घुस गया है। जिससे दस परिवार के लोग प्रभावित हुए हैं। जिन्हें बालिका उच्च विद्यालय में शरण दी गई है। यदि जरूरत पड़ी तो लेपाटांड़ उच्च विद्यालय को भी राहत केन्द्र बनाया जाएगा। देर रात चांडिल डैम का जलस्तर 181.5 पर था। वहीं स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर 118 पर था। इसमें खतरे का निशान 121.5 है।
जानकारी मिले पर भाजपा नेता साधुचरण महतो चाडिल डैम पहुंचे। उन्होंने बताया कि डैम के चार रेडियल गेट को 3-3 मीटर एवं दो रेडियल गेट को 1-1 मीटर खोलवाया है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो सभी रेडियल गेट खोले जाएंगे।
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