वीडियो कैमरे में कैद होगी राइस मिलों की जांच
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम की राइस मिलें सरकार का छह करोड़ 25 लाख 39 हजार रुपये दबाए बैठी हैं। इनमें से कतिपय मिल मालिकों ने यह दावा ठोक दिया है कि उन्हें उतना धान नहीं दिया गया जितनी रकम उनसे मांगी जा रही है। कुछ मिल मालिकों का कहना है कि उन्हें जितना धान मिला था उतनी रकम व चावल लौटा दिया है। पूरे मामले में बड़ी वित्तीय गड़बड़ी की आशंका है। इसे देखते हुए डीसी डा. अमिताभ कौशल ने मिलों में पहुंचे धान और वहां से मिले सीएमआर की पड़ताल करने को एक टीम बना दी है।
डीसी ने जांच दल में शामिल अफसरों को हिदायत दी है कि वह जांच की तारीख तय कर इसकी सूचना मिल मालिकों को दें और उनकी मौजूदगी में जांच करें। जांच के दौरान इसकी वीडियो ग्राफी भी कराई जाएगी। डीसी ने 15 दिन में जांच पूरी कर इसकी रिपोर्ट देने को कहा है।
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बड़े बकाएदारों से होगी जांच की शुरुआत
बड़े बकाएदारों गणेश राइस मिल और मेसर्स कमला राइस मिल से ही जांच की शुरुआत की जाएगी। मामला खरीफ विपणन मौसम 2012-13 से जुड़ा है। लैंपस से मिलों को धान दिया गया था। इसका सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) मिलों के पास बकाया है। खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव ने 20 जून को पत्र लिख कर बकाया राशि चार बराबर किस्तों में जमा कराने का आदेश दिया था। इस पर जिला सहकारिता अधिकारी एजी कुजूर ने बकाया रकम का हिसाब लगा कर किस्त तय कर दी। किस्त की रकम के बारे में सभी मिल मालिकों को बता दिया गया। किस्त हर महीने जमा करनी है। लेकिन कई मिल मालिक यह किस्त जमा नहीं कर रहे हैं।
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किस राइस मिल का कितना बकाया
लक्ष्मी राइस मिल धालभूमगढ़----दो करोड़ 20 लाख
गणेश राइस मिल-------दो करोड़ छह लाख
कमला राइस मिल-------एक करोड़ 84 लाख
बाला जी राइस मिल-----चार लाख 99 हजार
शक्ति राइस मिल पोटका-------94 हजार 629
शंकर राइस मिल धालभूमगढ़----तीन लाख 99 हजार 336
लक्ष्मी इंटरप्राइजेज-------61 हजार 433 रुपये
मारूती उद्योग धालभूम--------दो लाख 27 हजार 600
एमजीआर एग्रो धालभूम-------दो लाख 58 हजार
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जांच टीम में शामिल हैं यह अफसर
विशिष्ट अधिकारी अनिल कुमार राय, जिला आपूर्ति अधिकारी दिलीप तिवारी, जिला सहकारिता अधिकारी एजी कुजूर और संबंधित बीडीओ।