भयावह त्रासदी व कुर्बानी से बना बांग्लादेश
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर :
जागरण फिल्म फेस्टिवल का पांचवां पड़ाव लौहनगरी में हुआ जिसका शहरवासियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। बेशुमार दर्शकों-सिनेप्रेमियों से भरे मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल के आडिटोरियम में शुक्रवार को फिल्मोत्सव का शुभारंभ दैनिक जागरण के संस्थापक स्व. पूर्णचंद्र गुप्त व पूर्व प्रधान संपादक नरेंद्र मोहन के साथ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि जुस्को के प्रबंध निदेशक आशीष माथुर, पूर्वी सिंहभूम के उपविकास आयुक्त डॉ. लालमोहन महतो, करीम सिटी कालेज में मास कॉम की हेड डॉ. नेहा तिवारी, फिल्म निर्देशक इम्तियाज अली के पिता मंसूर अली आदि उद्घाटन समारोह के अहम गवाह रहे।
फिल्मोत्सव का शुभारंभ युवा निर्देशक मृत्युंजय देवव्रत की ताजातरीन फिल्म 'चिल्ड्रेन ऑफ वार' से हुआ जो बांग्लादेश की आजादी के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच हुए 1971 के युद्ध पर आधारित थी। फिल्म में फारूख शेख, पवन मल्होत्रा, राइमा सेन समेत कई कलाकारों ने बेहतरीन अदाकारी से फिल्म में जान डाल दी। दर्शक भी शुरू से अंत तक मंत्रमुग्ध होकर उसमें खोये रहे। निर्देशक इस फिल्म के जरिए यह दिखाने में सफल रहे कि बांग्लादेश की आजादी में सिर्फ शेख मुजीब जैसे नेता नहीं, बल्कि वहां का हर शख्स इस मुक्ति संग्राम में सक्रिय रहा था। जैसा कि हर युद्ध का कहर मुख्य रूप से औरतों-बच्चों पर सबसे ज्यादा टूटता है, इसमें भी वैसा ही हुआ था। फिल्म के अंत में निर्देशक मृत्युंजय देवव्रत व अभिनेता पवन मल्होत्रा दर्शकों से रूबरू भी हुए।