कुणाल का झामुमो में शामिल होना तय
संवाद सूत्र, चाकुलिया : सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर विगत कई माह से क्षेत्र में सक्रिय पूर्व मंत्री डॉ. दिनेश षाडं़गी के पुत्र कुणाल षाडं़गी का झामुमो में जाना लगभग तय हो गया है। इस संबंध में उनकी मोर्चा के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत हो चुकी है और झामुमो में शामिल होने की तिथि भी निर्धारित हो गई है। सूत्रों के अनुसार, कुणाल आगामी 12 सितंबर को केरूकोचा में साबुआ हासदा के शहादत दिवस के दिन आयोजित होने वाली झामुमो की सभा में तीर-धनुष थामेंगे। कुणाल के झामुमो के टिकट पर बहरागोड़ा विधानसभा से चुनाव लड़ने की भी चर्चा है। कुणाल झामुमो का दामन थामते हैं तो बहरागोड़ा सीट का चुनावी समीकरण रोचक हो जाएगा।
गौरतलब है कि कुणाल के पिता डॉ. दिनेश षाड़ंगी दो बार भाजपा के विधायक व अलग झारखंड राज्य के प्रथम स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। लेकिन वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में जमशेदपुर संसदीय सीट पर भाजपा ने उनकी जगह अर्जुन मुंडा को टिकट थमा दिया जिससे नाराज षाड़ंगी ने आगे चलकर झाविमो का दामन थाम लिया। फिलहाल वे झाविमो में केंद्रीय उपाध्यक्ष हैं। कुणाल के झामुमो में शामिल होने व चुनाव लड़ने की संभावना को देखते हुए फिलहाल यह बताना मुश्किल है कि डॉ. षाड़ंगी झाविमो से चुनाव लड़ेंगे या नहीं। बता दें कि कुणाल षाड़ंगी का झामुमो के प्रति आकर्षण पहली बार तब दिखा, जब प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बीते लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए मानुषमुड़िया आए थे और कुणाल ने उनसे मिलने के लिए घंटों वहा इंतजार किया था। वैसे कुणाल का हेमंत के साथ पूर्व से ही नजदीकी रिश्ता बताया जाता है। दिल्ली में पढ़ाई के दौरान ही दोनों एक-दूसरे से परिचित हुए थे। विद्युतवरण महतो के झामुमो छोड़कर जाने के बाद झामुमो को जहा एक दमदार स्थानीय नेता की जरूरत थी, वहीं कुणाल को चुनाव लड़ने के लिए एक ऐसे दल की दरकार थी जिसका अपना ठोस जनाधार हो। लिहाजा, दोनों ओर स्वाभाविक रुझान बढ़ता गया और अब कुणाल का झामुमो में शामिल होना करीब-करीब तय माना जा रहा है।
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फिलहाल कुछ तय नही : कुणाल
झामुमो में शामिल होने के सवाल पर कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि अभी इस संबंध में कुछ कहना जल्दबाजी होगी। सबसे विचार करने व राय लेने के बाद ही कोई निर्णय लूंगा। हालाकि झामुमो में जाने की बात को उन्होंने खारिज नहीं किया। पर कब शामिल होंगे, इस बारे में कुछ नहीं कहा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपना बड़ा भाई बताते हुए कहा कि उनसे नजदीकी संबंध हैं। बुधवार को भी कुणाल मुख्यमंत्री से मिलने जमशेदपुर गए हुए थे। संकेत साफ समझा जा सकता है।