शर्तो के साथ डीए मर्जर पर सहमति!
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर :
अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो टाटा स्टील के 16 हजार कर्मचारियों को वेज रिवीजन की सौगात जल्द मिल सकती है। यूनियन नेतृत्व एवं प्रबंधन के साथ हाल के दिनों में लगातार चल रही वार्ता के बीच कुछ शर्तो के साथ बेसिक में डीए के मर्जर पर सहमति बन रही है। मंगलवार को एकबार फिर यूनियन-प्रबंधन के बीच लंबी बातचीत हुई। उम्मीद की जा रही है कि सकारात्मक नतीजे जल्द सामने होंगे। वेज में डीए के साथ मिनिमम गारंटीड बेनीफीट तथा समयावधि का पेंच फंसा था। यूनियन और प्रबंधन धीरे-धीरे उलझी गांठ को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। यूनियन और प्रबंधन के बीच समय सीमा पांच साल से सात साल के बीच आकर फंसी है। वहीं यूनियन कम से कम 17 फीसद एमजीबी को बेसिक के साथ मर्ज करना चाहता है, जबकि प्रबंधन डीए मर्ज होने की स्थिति में एमजीबी को बेसिक से अलग रखना चाहता है। हालांकि, इन सबके बीच सकारात्मक पहलू यह है कि प्रबंधन से 16 से 17 फीसद तक एमजीबी देने को राजी दिख रहा है। अगर समयावधि पांच साल से अधिक बढ़ती है तो एमजीबी बढ़ सकती है। कहा जा रहा है कि यूनियन डीए के अलावा इंक्रीमेंट बचाने में भी लगभग सफल हो चुकी है। आने वाले दिन महत्वपूर्ण हो सकते हैं। मंगलवार को रांची रवाना होने से पूर्व यूनियन नेताओं में ग्रेड के नए प्रस्ताव के बारे में आधिकारिक तौर पर तो कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन इतना जरूर कहा कि गाड़ी पटरी पर आ गई है। स्टेशन तक पहुंचाने की चुनौती है। हमारी कोशिश है कि इसमें कम से कम समय लगे। ज्ञात हो कि पिछले 30 महीने से टाटा स्टील में ग्रेड रिवीजन लंबित है।
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