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गुड गवर्नेस व बिजनेस एथिक्स सिक्के के दो पहलू

By Edited By: Published: Wed, 23 Jul 2014 01:02 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jul 2014 01:02 AM (IST)
गुड गवर्नेस व बिजनेस एथिक्स सिक्के के दो पहलू

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर :

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सीआइआइ जमशेदपुर की ओर से मंगलवार को बिजनेस एथिक्स पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें तमाम उदाहरणों के साथ व्यवसाय जगत में नैतिक मूल्यों के ह्रास व संवर्धन की विवेचना की गई।

बेल्डीह क्लब में आयोजित एकदिवसीय सेमिनार को मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कारपोरेट मामले के मंत्रालय (भारत सरकार) के क्षेत्रीय निदेशक (उत्तर व उत्तर-पूर्व) एनके भोला के अलावा एक्सएलआरआइ में बिजनेस एथिक्स के प्रोफेसर फादर ओसवाल्ड मैस्केरेन्हेस व केपीएमजी के सहायक निदेशक (फोरेंसिक) मोहित कंचनबरस ने भी संबोधित किया।

सीआइआइ झारखंड के चेयरमैन व टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि नैतिक मूल्यों का अनुपालन अंतरात्मा को सुदृढ़ बनाने से ही हो सकता है। उन्होंने युवाओं में नैतिक मूल्यों के संवर्धन पर जोर दिया। धन्यवाद ज्ञापन सीआइआइ झारखंड जोनल काउंसिल के चेयरमैन व जेमिपोल के एमडी आदर्श अग्रवाल ने किया।

सेमिनार के द्वितीय सत्र में बामरलॉरी एंड कंपनी लि. के वीपी (विजिलेंस) पीसी ओझा, टाटा मोटर्स के हेड (इंटरनल आडिट व एथिक्स काउंसलर) कल्लोल लाहिड़ी व टाटा स्टील की एथिक्स काउंसलर तृप्ति राय ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधि व मैनेजमेंट छात्रों ने अपनी जिज्ञासा पटल पर रखी।

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-: सेमिनार का सार :-

फादर ओसवाल्ड :

- नैतिकता नैतिक मूल्यों का विज्ञान है। नैतिक मूल्यों के मामले में भारत का इतिहास रहा है, इसे इस मामले में भी अग्रणी होना चाहिए।

- हम पूरी दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश हैं, लिहाजा हम सबसे ज्यादा दक्ष व कुशल श्रम शक्ति भी दुनिया को उपलब्ध करा रहे हैं।

- यदि हम सबसे ज्यादा नैतिक इंसान तैयार नहीं करेंगे तो कैसे अग्रणी देश बनेंगे। नैतिकता के लिए आपसी विश्वास बहुत जरूरी है।

- वैश्रि्वक मंदी के दौरान लेहमैन ब्रदर्स समेत यूरोप के करीब 70 बैंकों के डूबने की वजह भी विश्वास या भरोसे की कमी आई।

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एनके भोला :

- गुड गवर्नेस और बिजनेस एथिक्स एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।

- सत्यम कंप्यूटर्स से पहले एनरॉन की कारगुजारी ने कारपोरेट गवर्नेस को संदेह से देखने की ओर बाध्य किया। - 2009 में कारपोरेट मामले मंत्रालय ने कंपनियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। गुड गवर्नेस वही है जो पारदर्शी और स्व-अनुशासित हो।

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मोहित कंचनबरस :

- उन्होंने अच्छे कर्मचारियों को प्रोत्साहित और गलत आचरण वाले कर्मचारियों को दंडित करने की जरूरत है। इन दोनों मामलों को सार्वजनिक भी करना चाहिए।

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कलिंगानगर प्लांट से उत्पादन मार्च में : नरेंद्रन

जमशेदपुर : टाटा स्टील के कलिंगानगर प्लांट से मार्च 2015 में उत्पादन शुरू हो जाएगा, इसके लिए ढांचागत निर्माण कार्य तेजी से जारी हैं। ये बातें टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने मंगलवार को कहीं। सीआइआइ द्वारा बेल्डीह क्लब में आयोजित बिजनेस एथिक्स सेमिनार में आए नरेंद्रन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ओडिशा में आयरन ओर माइंस के लीज नवीकरण की प्रक्रिया भी सामान्य ढंग से चल रही है। राज्य सरकार का अभी तक सहयोगात्मक रवैया है, इसलिए किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। टाटा स्टील चाहती है कि एक साथ छह-सात साल का लीज एग्रीमेंट किया जाए। फिलहाल इसे हर साल नवीकरण कराना पड़ता है इससे कामकाज में बाधा आती है। खनन संबंधी अन्य नियमों-प्रावधानों के लिए खान व भूतत्व मंत्रालय में भी प्रक्रियागत कार्रवाई हो रही है।


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