केंद्र ने ही बैठा दिया मनरेगा का भट्ठा
मुजतबा हैदर रिजवी, जमशेदपुर : केंद्र सरकार ने ही पूर्वी सिंहभूम में मनरेगा का भट्ठा बैठा दिया है। आवंटन के लेट-लतीफ आने की वजह से मनरेगा जिले में पटरी से नीचे उतर गई है। हालांकि अफसर किसी तरह मनरेगा को जिंदा किए हुए हैं। योजना का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले वित्त साल में 87 करोड़ 57 लाख रुपये खर्च करने का लक्ष्य था जिसके मुकाबले महज 37 करोड़ 90 लाख रुपये ही खर्च हो सके हैं।
मनरेगा के लिए पिछले वित्तीय साल में पहली किस्त के तौर पर 20 करोड़ रुपये मिले थे। इसके बाद जब यह रकम खर्च होने लगी तो डीआरडीए ने केंद्र से दूसरी किस्त की मांग की। लेकिन, केंद्र ने तमाम बहाने करते हुए दूसरी किस्त लटकाए रखी। इस पर डीआरडीए को रिवाल्विंग फंड से उधार लेना पड़ा।
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बने ठन ठन गोपाल वाले हालात
अब मनरेगा में ठन ठन गोपाल वाली हालत है। बताते हैं कि अब न तो रकम डीआरडीए में है और ना ही ब्लाक में। जो थोड़ी बहुत रकम थी वह अप्रैल से लेकर अब तक खर्च हो चुकी है। इस वजह से योजनाओं में तेजी लाने में दिक्कत हो रही है।
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वीसी कर मनरेगा में तेजी लाने के निर्देश
डीडीसी डा. लाल मोहन महतो ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर मनरेगा में तेजी लाने के निर्देश सभी बीडीओ को दिए हैं। इधर लोकसभा निर्वाचन के चलते मनरेगा में काम बिल्कुल ठप सा पड़ गया था। अब अफसर चुनाव से कुछ फुर्सत हुए हैं। ऐसे में मनरेगा की गतिवधियां शुरू हो गई हैं।
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'अभी डीआरडीए के पास कुछ रकम है। जल्द ही केंद्र से किस्त मिलने वाली है। मनरेगा के तहत सभी योजनाओं को जल्द पूरा कर लिया '
डॉ. लाल मोहन महतो, डीडीसी पूर्वी सिंहभूम