धर्मांतरण से इंकार करने पर पत्नी और बेटे ने की जमकर पिटाई
धर्मांतरण से इन्कार करने पर एक व्यक्ति को उसके बेटे और पत्नी ने ही पिटाई कर दी।
जागरण संवाददाता, हजारीबाग। धर्मांतरण से इन्कार करने पर सदर प्रखंड के बहेरी ओरिया निवासी मोहन महतो को उसके बेटे और पत्नी ने ही जमकर पिटाई कर दी। मां-बेटे को हनरगंज चानो निवासी पास्टर सोमा सिंह ने प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराया था। इसके बाद वह परिवार के सभी लोगों पर धर्मांतरण के लिए दबाव बना रहा था। मोहन महतो ने इससे इन्कार कर दिया तो उसके बेटे और पत्नी ने पिटाई कर दी।
मारपीट की घटना के बाद गांववालों के साथ थाना पहुंचे मोहन ने बताया कि सोमा के कहने पर ही उसकी पत्नी व बेटे घर के देवता की मूर्ति को उखाड़कर फेंक चुके हैं। किसी तरह दो दिन पहले घर में दुर्गा मां की मूर्ति लगाई तो इसे लेकर बेटे ने विवाद शुरू कर दिया। मोहन ने धर्म परिवर्तन कर चुकी अपनी पत्नी और पुत्र पप्पू महतो पर धर्मातरण के लिए दबाव बनाने व मारपीट करने का आरोप लगाते हुए मुफस्सिल थाने में आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है।
मामले में उन्होंने हजारीबाग के कोर्रा थाना क्षेत्र के हरनगंज चानो निवासी पास्टर सोमा सिंह को भी आरोपी बनाया है। आवेदन में मोहन ने कहा कि उनके परिवारवाले पास्टर सोमा ¨सह के कहने पर ऐसा कर रहे हैं। पूरे मामले में इंस्पेक्टर विजय कुमार सिंह ने एएसआइ रविंद्र कुमार को जांच का निर्देश दिया है। आवेदक मोहन महतो राजमिस्त्री का काम करते हैं। वहीं आरोपी बेटा बिजली व प्लंबर मिस्त्री है। घटना के बाद गांव वालों ने भी बैठक कर इस मसले पर निर्णय लेने की बात कही है।
वैद्य बनकर इलाज कर धर्मातरण कराता है सोमापुलिस को दिये आवेदन में कहा गया है कि पास्टर सोमा सिंह अपने साथियों की मदद से गांव में वैद्य बनकर इलाज करता है। इसी क्रम में मोहन की पत्नी व बेटे का धर्मांतरण करा दिया। अब मोहन के अलावा उनके बड़े बेटे और उसकी पत्नी पर भी ईसाई बनने का दबाव डाला जा रहा है। धर्मांतरण के एवज में पास्टर सोमा सिंह 15 हजार रुपये हर महीने खर्च तथा बेटे व बहू को नौकरी देने का प्रलोभन भी दे रहा है। मोहन के दूसरे बेटे लालदेव प्रसाद और बहू कांति कुमारी ने भी इन आरोपों की पुष्टि की है।
पत्नी और बेटे ने भी मारपीट को लेकर दिया आवेदन इधर आरोपी बेटे और मोहन महतो की पत्नी ने भी मोहन महतो पर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए थाने में आवेदन दिया है। समाचार लिखे जाने तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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