शिक्षकों की संख्या जीरो, पर बच्चे हीरो; इन्होंने किया कमाल
हाईस्कूल के बच्चों को पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक प्रतिनियुक्त नहीं हैं। फिर भी बच्चे हीरो के रूप में सामने आए।
विकास कुमार, हजारीबाग। शिक्षकों व संसाधनों की कमी का बहाना बनाकर मैट्रिक का रिजल्ट खराब होने की दुहाई देने वाले कई राजकीय व राजकीयकृत विद्यालयों को जिले के अपग्रेड हाईस्कूलों ने आइना दिखाने का काम किया है। मैट्रिक की परीक्षा में जिले के ऐसे 14 विद्यालयों ने 80 प्रतिशत से अधिक रिजल्ट हासिल किया है। ये हाल तब है जब पूरे राज्य में अपग्रेडेड स्कूलों का रिजल्ट खराब रहा है।
इन सभी विद्यालयों में शिक्षकों को टोटा है। हाईस्कूल के बच्चों को पढ़ाने के लिए यहां एक भी शिक्षक प्रतिनियुक्त नहीं हैं। बावजूद इसके बच्चे स्कूल में हीरो के रूप में सामने आए हैं। इनमें भी विशेष यह है कि चौपारण में स्थित अपग्रेड हाईस्कूल टोईया का परिणाम 100 प्रतिशत रहा है। यहां इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा में 29 बच्चों ने परीक्षा दी थी, जिनमें से 15 ने प्रथम श्रेणी में सफलता हासिल की है। विद्यालय की टॉपर राखी कुमारी रही। बिना शिक्षकों वाले इस विद्यालय ने जिले में सातवां स्थान हासिल किया है।
मिडिल स्कूल व पारा शिक्षकों का है कमाल:
अपग्रेड का दर्जा मिलने के बाद बिना शिक्षकों वाले इन विद्यालयों में कमाल मिडिल स्कूल व पारा शिक्षकों की बदौलत हुआ है। अपग्रेड स्कूल टोईया में तो मिडिल स्कूल के एक ही नियमित शिक्षक प्रभारी प्राचार्य जितेंद्र सिंह के रूप में मौजूद हैं। स्कूल का अपना भवन तक नहीं है। बेंच डेस्क तक का अभाव है। करीब 250 बच्चे पहले से मिडिल स्कूल में नामांकित हैं। इसके बाद भी तीन पारा शिक्षक और प्रभारी प्राचार्य की लगातार कोशिशों ने उन्हें यह सफलता दिलाई है।
इन स्कूलों के बच्चों ने किया कमाल
-स्कूल टोईया, चौपारण में एक भी शिक्षक नहीं है। जबकि स्कूल में 29 बच्चे हैं। यहां का परीक्षा परिणाम 100 फीसद रहा।
-इसी तरह स्कूल आराभुसाई में भी शिक्षक नहीं हैं। यहां चार बच्चे हैं। रिजल्ट 91.18 फीसद रहा।
-स्कूल बहराकुदा में शिक्षक नहीं है। यहां 71 बच्चे हैं। रिजलट 88.71 फीसद रहा।
- स्कूल बराई विष्णुगढ़ मेें शिक्षक नहीं है। यहां 61 बच्चे हैं। रिजल्ट 88.52 फीसद रहा।
-स्कूल चंपाडीह में भी शिक्षक नहीं है। यहां 131 बच्चे हैं। रिजल्ट 87.79 फीसद रहा।
-स्कूल बसरिया में शिक्षक नहीं है। यहां 57 बच्चे हैं। रिजल्ट 85.96 फीसद रहा।
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परीक्षा परिणामों की समीक्षा
मैट्रिक के परीक्षा परिणामों की समीक्षा की जा रही है। वैसे स्कूल जिनका परिणाम जिले के औसत रिजल्ट से अच्छा रहा है, उन्हें सम्मानित किया जाएगा। साथ ही, खराब रिजल्ट वाले विद्यालयों के कारणों की भी पड़ताल की जा रही है।
-रविशंकर शुक्ला, उपायुक्त, हजारीबाग
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कल्याण विभाग के आवासीय स्कूलों का अच्छा रिजल्ट
राज्य ब्यूरो, रांची। मैटिक व इंटरमीडिएट परीक्षा में कल्याण विभाग द्वारा संचालित आवासीय स्कूलों का रिजल्ट अच्छा रहा है। विभाग ने मैटिक में 78.19 व इंटर साइंस में 72.66 फीसद परिणाम का दावा किया है। विभाग के 56 स्कूलों से 1,674 विद्यार्थी मैटिक की परीक्षा में शामिल हुए थे, जिनमें 1,309 उत्तीर्ण हुए। 720 ने 60 फीसद तथा 196 ने 75 फीसद से अधिक अंक प्राप्त किए। आठ स्कूलों से 278 विद्यार्थी इंटरमीडिएट की परीक्षा में शामिल हुए, इनमें 202 उत्तीर्ण हुए।
इनमें 58 परीक्षार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। तेरह ऐसे स्कूल भी रहे जिनका मैटिक में शत-प्रतिशत परिणाम रहा। इनमें पिछड़ी जाति आवासीय उच्च प्लस टू विद्यालय, जेल रोड-रांची, अनुसूचित जाति आवासीय उच्च विद्यालय, बुंडू, अनुसूचित जनजाति आवासीय बालिका उच्च विद्यालय-तमाड़, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय-सलगाडीह तमाड़, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय-काठीजोरिया, पिछड़ी जाति आवासीय उच्च विद्यालय-दुमका, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय-तोरसिंदुरी चाईबासा, आश्रम विद्यालय-कुचई, पिछड़ी जाति आवासीय उच्च विद्यालय-हजारीबाग, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय-भोगनाडीह, आश्रम विद्यालय सिसई, अनुसूचित जाति आवासीय उच्च विद्यालय लेड़वा मधुपुर तथा अनुसूचित जनजाति आवासीय बालिका उच्च विद्यालय कुंदी शामिल हैं।
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