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शिक्षा में हो राष्ट्रीयता का बोध

हजारीबाग : सरस्वती शिशु विद्या मंदिर कुम्हार टोली में विद्वत परिषद हजारीबाग के बैनर तले राष्ट्रीय शि

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Apr 2017 08:44 PM (IST)Updated: Sun, 23 Apr 2017 08:44 PM (IST)
शिक्षा में हो राष्ट्रीयता का बोध
शिक्षा में हो राष्ट्रीयता का बोध

हजारीबाग : सरस्वती शिशु विद्या मंदिर कुम्हार टोली में विद्वत परिषद हजारीबाग के बैनर तले राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली का विकास पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रवासी कार्यकर्ता क्षेत्रीय विद्वत परिषद प्रमुख रामदयाल शर्मा, शिवदयाल ¨सह, राजेंद्र प्रसाद , ब्रजमोहन केसरी, पूर्व सांसद महावीर लाल विश्वकर्मा एवं प्राचार्य उमेश प्रसाद ने संयुक्त रूप से पुष्पार्चन करके एवं दीप प्रज्जवलित करके वंदना प्रार्थना से किया। मंचासीन अतिथियों का परिचय एवं मंच संचालन आचार्य प्रदीप कुमार सिन्हा ने किया। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए रामदयाल शर्मा ने कहा कि तीन ¨बदु राष्ट्र, राष्ट्रीयता एवं शिक्षा विचारणीय है। हमारे देश का इतिहास काफी पुराना है इसलिए हम पश्चिमी देशों के समान राष्ट्र का मतलब नेशन और नेशन का मतलब जनसंख्या एवं भूखंड से लिया जाता है। उन्होंने बच्चों में नैतिकता का बोध कराने के लिए धर्म से जोड़ कर शिक्षा नीति बनानी होगी। शिवदयाल ¨सह ने बच्चों को सकरात्मक, भावनात्मक एवं बौद्धिक विकास के लिए शिक्षा पर जोर दिया। प्रो. रामप्यारे मिश्र ने महापुरुषों की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल कराने की बात कहा। ज्ञानचंद मेहता ने बच्चों की व्यवसायिक शिक्षा पर ज्यादा जोर देने की आवश्यकता बताई। डा. ताराकांत शुक्ल ने शिक्षा में राष्ट्रीयता का बोध शामिल करने जरूरत बताया। पूर्व सांसद महावीर लाल विश्वकर्मा ने देश के लिए अच्छी शिक्षा नीति की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम के अंत में तारकेश्वर राय द्वारा देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया गया। धन्यवाद ज्ञापन संशील कुमार ने किया तथा समापन शांति मंत्र से किया गया।


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