डैम मे पानी प्रर्याप्त, पानी संकट के आसार कम
कटकमसांडी : शहर से सटे कटकमसांडी प्रखंड अवस्थित छड़वा डैम में फिलहाल 23.5 फीट पानी संरक्षित है। प
कटकमसांडी : शहर से सटे कटकमसांडी प्रखंड अवस्थित छड़वा डैम में फिलहाल 23.5 फीट पानी संरक्षित है। पीएचईडीकर्मियो के मुताबिक इस वर्ष शहरवासियों को पेयजल संकट से नही जूझना पड़ेगा।
डैम में 31 फीट पानी रखने की क्षमता है। लेकिन, वर्तमान स्थिति में मोटर की खराबी से पानी आपूर्ति बाधित जरूर हो सकती है।डैम कर्मियों ने बताया कि नया प्लांट हाऊस में सौ सौ केवी के चार मोटर पंप लगाए गए हैं, जिसमें पानी जमा है। डैम कर्मियों को मोटर स्टार्ट करने के लिए पानी में डूब कर जाना पड़ता है। गर्मी के दिनों में भी पम्प हाऊस से पानी निकालने का काम टुलू पम्प से किया जा रहा है। डैम कर्मियों का कहना है कि यदि पम्प हाऊस से पानी नही निकाला गया तो चारो मोटर पम्प पानी में डूब जाएंगे। जल निकासी के लिए लगाए गए टुलू पम्प भी दस दस मिनट पर बंद हो जाता है। पानी में डूबकर मोटर स्टार्ट करने में कामगारों को खतरा हो सकता है। इधर प्लांट में विगत एक वर्ष से 200 केवी का स्टेबलाईजर भी खराब पड़ा है। डैम प्लांट में दो दो लाख गैलन वाटर क्षमता के दो टैंक है। 23 स्टाफ तीन शिफ्ट में काम करते हैं।बताया गया कि छड़वा डैम से प्रतिदिन छह लाख गैलन सुबह और छह लाख गैलन शाम को शहरी जलापूर्ति की जाती है। छड़वा डैम में एक नया और एक पुराना दो वाटर प्लांट स्थापित है। पुराने वाटर प्लांट से इन्द्रपुरी, पीटीसी और बस स्टैंड टावर में जलापूर्ति की जाती है, जबकि नए वाटर प्लांट से कॉलेज मोड़, बिहारी गर्ल्स स्कूल और खिरगांव टावर में पानी सप्लाई होती है। बताया गया कि पेलावल, रोमी व छड़वा पेयजलापूर्ति योजना के तहत स्थापित दोनो मोटर पम्प खराब पड़ा है। डैम कर्मियों ने अपना दुखड़ा बताते हुए कहा कि हम सब कर्मियों को बायोमैट्रिक सिस्टम से हाजिरी बनाने के लिए शहर जाना पड़ता है, जिससे मुक्त किया जाय। प्लांट छोड़कर हाजिरी बनाने के चक्कर में वाटर सप्लाई का काम बाधित हो सकता है। इधर पीएचईडी के एसडीओ अर¨वद कुमार का कहना है कि डैम में पेयजलापूर्ति के लिए काफी पानी जमा है। इस वर्ष शहरवासियों को पेयजल संकट से नही जूझना पड़ेगा।