विवि में आदिवासी विकास पर मंथन 26 से
हजारीबाग : विनोबा भावे विश्वविद्यालय के मानव विज्ञान विभाग में 26 अप्रैल से आदिवासी विकास पर राष्
हजारीबाग : विनोबा भावे विश्वविद्यालय के मानव विज्ञान विभाग में 26 अप्रैल से आदिवासी विकास पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया है। दो दिनों तक चलने वाले इस सेमिनार में देश के विभिन्न प्रांतों के मानो विज्ञानी शिरकत करेंगे। उक्त जानकारी देते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. गंगानाथ झा ने बताया कि आदिवासी, जनजाति, असुर जाति और विलुप्त हो रही कई दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण और संवर्द्धन से संबंधित मुद्दों पर विमर्श किया जाएगा। डॉ. झा ने बताया कि खनन, पलायन और विस्थापन की समस्याओं से जनजातिय समाज जूझ रहा है। इससे निजात पाने के लिए राष्ट्रीय स्तर के विद्वान अपने सुझाव देंगे।
राष्ट्रीय सेमिनार में 38 वैज्ञानिक होंगे शामिल -
आदिवासी की समस्याओं के समाधान और उनके समग्र विकास पर मंथन के लिए लगभग दस राज्यों के 38 मानव वैज्ञानिक विभावि के मानव विज्ञान विभाग में अपने विचार प्रकट करेंगे। विभागाध्यक्ष डॉ. गंगानाथ झा ने बताया कि यह राष्ट्रीय सेमिनार मील का पत्थर साबित होगा। आदिवासियों की ज्वलंत मुद्दों क परत दर परत खोली जाएगी तथा विद्वानों की राय को अमली जामा पहनाने का काम विभाग करेगा। सेमिनार में दिल्ली विश्वविद्यालय के मानवशास्त्री, प्रो. विनय कुमार, अंडमान निकोबार के डॉ. विजय शंकर सहाय, ट्राब्ल विशेषज्ञ एम गांधी, डॉ. करमा उरांव, फादर जॉन डुंगडुंग समेत कई विशेषज्ञ शिरकत करेंगे।मालूम हो कि झारखंड में बिरहोर की संख्या 10,726 तथा असुरों की संख्या 22,449 है। राज्य में जनजातियों की आबादी 26 प्रतिशत है।