केंद्र की नजर राज्य की खनिज संपदा पर : मेधा
केंद्र सरकार की नजर झारखंड राज्य की खनिज संपदा पर है, जिसे औने-पौने दाम पर गैर संवैधानिक तरीके से बड़े-बड़े उद्योगपतियों के हाथों बेचने का प्रयास किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, बड़कागांव (हजारीबाग)। केंद्र सरकार की नजर झारखंड राज्य की खनिज संपदा पर है, जिसे औने-पौने दाम पर गैर संवैधानिक तरीके से बड़े-बड़े उद्योगपतियों के हाथों बेचने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार की इस मंशा को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। राज्य व केंद्र की सरकार आम लोगों को गांव से उजाड़ कर उद्योग के नाम पर दोहन कर रही है। यह बातें शनिवार को नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख समाजसेवी मेधा पाटकर ने यहां कहीं। वह जीडीएम बालिक उच्च विद्यालय में आयोजित आजादी बचाओ आंदोलन के दो दिवसीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं।
उन्होंने कहा कि देश व राज्य की जनता के हितों में संघर्ष करने के लिए हर समय तैयार हूं। बड़कागांव हो या देश का कोई हिस्सा, किसी भी तरह के गैर संवैधानिक कार्यो को चुनौती दी जाएगी। 1 अक्टूबर को चिरूडीह गोलीकांड में मारे गए ग्रामीणों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि राजनीतिक पार्टियां राज्य सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर मुकाबला करें, तभी आम हितों की रक्षा की जा सकेगी। उन्होंने कहा पीएम नरेंद्र मोदी सिर्फ अपने मन की बात लोगों से करते हैं, लोगों के मन की बात समझने की कोशिश नहीं करते।
बड़कागांव में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलीं मेधा पाटकर
कार्यक्रम के पूर्व समाजसेवी मेधा पाटकर गोलीकांड के मृतक चेपाकला निवासी महताब आलम व सिंदुअरि निवासी रंजन कुमार के घर जाकर परिजनों से मिलीं, उनकी समस्याएं सुनीं। कहा, हर मोर्चे पर ग्रामीणों के साथ हैं।
आज न्याय शांति यात्रा में होंगी शामिल
मेधा पाटकर ने प्रथम दिन सम्मेलन समाप्त होने के बाद रात बड़कागांव में गुजारी। रैयतों के बीच ही रहीं। उनकी समस्या सुनीं। हरली गांव में रात में काफी समय गुजारा। वे रविवार को रैयतों के साथ न्याय शांति यात्रा में शामिल होंगी।