नहीं रहे मशहूर शायर जहीर गाजीपुरी
नहीं रहे मशहूर शायर जहीर गाजीपुरी। उनके जनाजे में बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी व शहरवासी शामिल हुए। निधन की खबर से साहित्य प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई।
जासं, हजारीबाग। अब तो इसी शहर को वतन अपना कहता हूं जहीर, वरना यूपी में गुलाबों का शहर मेरा था। हजारीबाग को अपना दूसरा मसकन बनाने वाले मशहूर शायर 79 वर्षीय जहीर गाजीपुरी ने बुधवार रात साढ़े 10 बजे अंतिम सांस ली। शहर के लोहसिंघना हाशमिया कॉलोनी स्थित बैतुल अदब निवासी जहीर गाजीपुरी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वे अपने पीछे पांच पुत्र व दो पुत्रियों का भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। गुरुवार को उनके जनाजे में बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी व शहरवासी शामिल हुए। निधन की खबर से साहित्य प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई।
जहीर गाजीपुरी मूल रूप से यूपी के गाजीपुर के निवासी थे। 1960 में वे हजारीबाग आए थे और फिर यहीं के हो कर रह गए। वे परिवहन निगम में कार्यरत थे। देशभर में उनके सैंकड़ों शागिर्द शायरी में जोर आजमाइश कर रहे हैं। उनकी किताब उर्दू दोहे का तनकीदी जायजा काफी मशहूर हुई। इसी साल उनका मजमुआए गजल भी मंजरे आम पर आया था।