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विश्व को शून्य से अवगत कराने वाला भारत ही था : कुलपति

हजारीबाग : सरस्वती शिशु विद्या मंदिर मालवीय मार्ग में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजि

By Edited By: Published: Thu, 29 Sep 2016 07:26 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2016 07:26 PM (IST)
विश्व को शून्य से अवगत कराने वाला भारत ही था : कुलपति

हजारीबाग : सरस्वती शिशु विद्या मंदिर मालवीय मार्ग में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला वैज्ञानिक सोच का विकास एवं 21 वीं शताब्दी के संदर्भ में वैज्ञानिक तकनीक का प्रदर्शन पर हुई। कुलपति डा. गुरदीप ¨सह ने कहा कि विश्व को शून्य से अवगत कराने वाला भारत ही था। रोमन लिपि से अंकों में लाकर विज्ञान और गणित की गुत्थियों को सुलझा कर विश्व को अपनी वैज्ञानिक शक्ति और सोच से चकाचौंध कर दिया था। कहा कि भारत सदियों से विश्वगुरु रहा है। अतिथि के रूप में विभावि के डा. अजय मुरारी, पूर्व विभागाध्यक्ष रसायन शास्त्र विभावि डा. जेडी दूबे, विद्यालय प्रबंध सदस्य डा. सुबोध ¨सह शिवगीत, अध्यक्षा डा. किरण राणा उपस्थित थे। चार सत्रों में चली इस कार्यशाला में मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप, जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। भविष्य के भारत व भारतीय परंपरा पर भी वक्ताओं ने विद्यार्थियों को अवगत कराया गया। विज्ञान क्या है, पूजा रीति रिवाज, न्यूटन के सिद्धांत सहित कई विषयों पर चर्चा की गई। कार्यशाला में रघुवंश कुमार, अनुराधा कुमारी, कल्पना कुमारी, शशि कुमार, संतोष राय, उपेंद्र अग्रवाल, अमरेंद्र कुमार, सुषमा वर्मा, एकता कुमारी, काजरी मजमूदार, आशा कुमारी, अंशुबाला सहित कई लोग शामिल थे।


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