भगहर में सात घंटे उत्पात करते रहे नक्सली
एक दशक बाद दी जोरदार दस्तक उग्रवादियों ने एक दशक बाद अपने पुराने इलाके में जोरदार दस्तक देकर प्रशा
एक दशक बाद दी जोरदार दस्तक
उग्रवादियों ने एक दशक बाद अपने पुराने इलाके में जोरदार दस्तक देकर प्रशासन को चुनौती दी है। गया-कोडरमा रेल लाइन पर गंझडी स्टेशन से सात किलोमीटर दूर भगहर की दूरी जिला मुख्यालय से 85 तथा प्रखंड मुख्यालय से 30 किलोमीटर है। एक समय यह पंचायत उग्रवादियों का सेफ जोन था। आम लोगों के लिए यह जाफना के नाम से जाना जाता था। एक दशक पूर्व पंचायत के गांवों में लगातार माओवादियों के केंद्रीय कमेटी की बैठक होती थी है। सबसे पहले सुर्खियों में यह गांव 2006 मे तब आया था, जब अंबातरी गांव में पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ में नक्सलियों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी। इसके बाद कई माओवादी घटनाएं इस क्षेत्र में हुई। पुलिसिया नकेल के बाद एक दशक से इस क्षेत्र में शांति थी। बीते लोकसभा, विधानसभा व पंचायत चुनाव भी शांतिपूर्ण हुए। परंतु इसी माह की चार तारीख को अचानक माओवादियों ने भगहर नदी पर बन रहे पुल में लगे पोकलेन को जला डाला तथा बीड़ी पत्ता के खलिहान में आग लगा कर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। बुधवार को बड़ी घटना को ौंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती पेश की है।
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बुधवार को पुलिस ने चलाया था शराबबंदी अभियान
बताया जाता है कि बुधवार को इसी पंचायत में पुलिस ने अभियान चलाकर शराब निर्माण को बंद कराया था। देर शाम पुलिस वहां से निकली तथा रात के नौ बजे नक्सलियों ने घटना को अंजाम दिया। घटना के बाद गुरुवार दोपहर अभियान एसपी कुलदीप कुमार, डीएसपी आनंद ज्योति ¨मज, थाना प्रभारी मंजीत ¨सह समेत बड़ी संख्या में पुलिसबल घटनास्थल पर पहुंचे।