14 माह बाद नसीब हुई वतन की मिट्टी
प्रखंड के टंडवा निवासी मो. अफसर का शव 14 माह बाद बुधवार को सउदी अरब के रियाद से उसके पैतृक गांव पहुंचा। मंगलवार रात को शव के पहुंचते ही मां, बाप, पत्नी मासूम बेटी एवं अन्य परिजन दहाड़ मारकर रोने लगे।
जासं, विष्णुगढ़ (हजारीबाग) । प्रखंड के टंडवा निवासी मो. अफसर का शव 14 माह बाद बुधवार को सउदी अरब के रियाद से उसके पैतृक गांव पहुंचा। मंगलवार रात को शव के पहुंचते ही मां, बाप अब्दूल क्यूम, पत्नी नौशाबा बानो, मासूम बेटी उजमा एवं अन्य परिजन दहाड़ मारकर रोने लगे। रात में ही शव को गांव के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। मौत के एक वर्ष से अधिक समय बाद अफसर को वतन की मिट्टी नसीब हो पाई।
क्या है पूरा मामला
मो. अफसर एक कंपनी में बतौर पोकलेन ऑपरेटर काम करने सऊदी अरब के रियाद शहर गए थे। दो साल सेवा देने के बाद वह घर वापसी की तैयारी कर रहा था। इसी बीच बकाया वेतन की मांग करने पर उसकी हत्या कर दी गई। मो. अफसर का एक भाई इफ्तिखार अंसारी भी रियाद में ही काम करता था। शव पर चोट के निशान देखकर इफ्तिखार ने इसकी शिकायत भारतीय दूतावास से की। जांच पड़ताल में हत्या की बात सामने आई।
कंपनी के लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। कानूनी प्रक्रिया शुरू हुई तो अफसर का शव वहीं फंस गया। इसके बाद गांव में रह रहे मो. अफसर के बड़े भाई मुख्तार अंसारी ने भाजपा नेता शंभूनाथ पांड्या एवं स्थानीय नेताओ के सहयोग से सांसद सह वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा से गुहार लगाई। उनकी ही पहल पर शव के स्वदेश वापसी संभव हो पाई।